फोटो न होने से पुलिस और एजेंसियों की पकड़ से दूर था माओवादी भाष्कर पांडे
माओवादी गतिविधियों में शामिल इनामी माओवादियों को कुमाऊं मंडल की पुलिस खुफिया एजेंसियां और एसटीएफ एक-एक करके गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन आखिरी 20 हजार का इनामी माओवादी भाष्कर पांडेय की फोटो न होने के कारण उसे पकडऩे में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर : देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक माओवादी गतिविधियों में शामिल इनामी माओवादियों को कुमाऊं मंडल की पुलिस, खुफिया एजेंसियां और एसटीएफ एक-एक करके गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन आखिरी 20 हजार का इनामी माओवादी भाष्कर पांडेय की फोटो न होने के कारण उसे पकडऩे में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी का फायदा उठाकर वह कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा और नैनीताल में वर्ष, 2017 से सक्रिय रहा।
डेढ़ दशक पहले कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत, नैनीताल के साथ ऊधमङ्क्षसह नगर के दिनेशपुर, हंसपुर खत्ता में माओवादी सब डिवीजनों की स्थापना का पर्दाफाश हुआ था। वर्ष, 2007 में आपरेशन हंसपुर खत्ता ने माओवादी नेटवर्क ध्वस्त कर 18 से अधिक माओवादियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद माओवादी देवेंद्र चम्याल के साथ ही इनामी रमेश और मनोज के अलावा 50 हजार का इनामी खीम सिंह बोरा को भी लखनऊ एटीएस ने वर्ष, 2019 में बरेली से गिरफ्तार कर माओवादी गतिविधियों को लगभग समाप्त कर दिया था, लेकिन इस बीच 20 हजार का इनामी माओवादी भाष्कर पांडेय का कुछ पता नहीं लगा।
हालांकि उसके संबंध में पकड़े गए माओवादियों से कई अहम जानकारी मिली लेकिन उसकी फोटो किसी के पास न होने के कारण उस तक पहुंचना पुलिस, खुफिया एजेंसियों के लिए चुनौती भरा था। एसएसपी, एसटीएफ अजय ङ्क्षसह ने बताया कि कुमाऊं मंडल पूर्व में मिले इनपुट के आधार पर अल्मोड़ा जिले में भाष्कर के संबंध में मैनुअली जांच में जुट गई थी। इस दौरान पता चला कि वह 2017 से अधिकतर अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में ही सक्रिय रहता है। इसके आधार पर एसटीएफ और पुलिस बिना भाष्कर के किसी फोटो के आधार पर मैनुअली उस तक पहुंची और गिरफ्तार कर लिया।
भाष्कर के नेटवर्क में शामिल युवकों पर खुफिया नजर
भाष्कर पांडेय कुमाऊं मंडल में गोपनीय ढंग से सक्रिय रहा है। वर्ष, 2014-15 तथा 2017 में कुमाऊं में सरकार विरोधी पोस्टर लगाने, चुनाव बहिष्कार के साथ ही अल्मोड़ा व नैनीताल में लोक संपत्ति अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप के तहत केस दर्ज हुआ था तब वह प्रकाश में आया। इसके बाद उस पर इनाम रखा गया था। एसएसपी एसटीएफ अजय ङ्क्षसह ने बताया कि बीते चार-पांच साल में वह कुमाऊं मंडल के नैनीताल और अपने गृह जनपद में गुप्त रूप से सक्रिय रहा था। इस दौरान उसने कई युवकों को भी अपने साथ जोड़ा, इस तरह के इनपुट भी मिल रहे हैं। ऐसे में पुलिस, एसटीएफ और खुफिया एजेंसियां भाष्कर से जुड़े युवकों के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
कई कोड नाम होंगे डिकोड
गिरफ्तार 20 हजार का इनामी माओवादी भाष्कर पांडेय उर्फ भुवन पांडेय उर्फ तरूण पांडेय और मनीष पांडेय नाम से सक्रिय था। ऐसे में भाष्कर तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल था। इस पर पुलिस नामों के कोड को डिकोड करने में जुट गई और भाष्कर तक पहुंच गई। एसएसपी एसटीएफ अजय ङ्क्षसह ने बताया कि भाष्कर से पूछताछ में माओवादी गतिविधियों में शामिल कई कोड नामों का भी पता चला है। अब पुलिस इन नामों को भी डिकोड करने में जुट गई है।