Nainital Coronavirus News Update : एसटीएच में कोरोना संक्रमित आठ मरीजों की मौत, 280 भर्ती, कई डाक्टरों के संक्रमित होने से बढ़ी समस्या

Nainital Coronavirus News Update कोरोना संक्रमण लगातार मुसीबत बढ़ा रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रहे हैं। हालात यह हो गए हैं कि मंगलवार को ही डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में आठ मरीजों की मौत हो गई।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:47 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:47 AM (IST)
Nainital Coronavirus News Update : एसटीएच में कोरोना संक्रमित आठ मरीजों की मौत, 280 भर्ती, कई डाक्टरों के संक्रमित होने से बढ़ी समस्या
Nainital Coronavirus News Update : एसटीएच में कोरोना संक्रमित आठ मरीजों की मौत, 280 भर्ती

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Nainital Coronavirus News Update : कोरोना संक्रमण लगातार मुसीबत बढ़ा रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रहे हैं। हालात यह हो गए हैं कि मंगलवार को ही डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल में आठ मरीजों की मौत हो गई। 280 मरीज भर्ती हैं। वहीं एक ही दिन में जिले में 258 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। एसटीएच के एमस डा. अरुण जोशी ने बताया कि अस्पताल मं कोरोना संक्रमित 280 मरीजों में से 56 की हालत गंभीर है। 16 मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया।

कालाढूंगी के 56 वर्षीय कोविड पॉजिटिव महिला, हल्द्वानी के 61 वर्षीय बुजुर्ग, हल्द्वानी के 65 वर्षीय बुजुर्ग, हल्द्वानी के ही 41 वर्षीय व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। सभी कोरोना संक्रमित थे। इसके अलावा हल्द्वानी के ही 59 वर्षीय व्यक्ति ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मोटाहल्दू के 54 वर्षीय व्यक्ति व अल्मोड़ा के 57 वर्षीय व्यक्ति भी कोरोना पॉजिटिव थे। जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। खटीमा के 85 वर्षीय कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की भी मौत हो गई। हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को 1348 लोगों की रिपोर्ट आई। इसमें से 258 लोग संक्रमित पाए गए हैं।

मोतीनगर व बागाजाला कोविड केयर सेंटर हुए तैयार

मोटाहल्दू में 53 संक्रमित लोगों को रखन की क्षमता है। वहां पर 51 लोग रखे जा चुके हैं। अब प्रशासन ने गौलापार बागजाला व मोतीनगर में कोविड केयर सेंटर तैयार कर दिया। मंगलवार को प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह व एसीएमओ डा. रश्मि ने दौर किया।

रेमडेसिविर दवा का विकल्प भी नहीं उपलब्ध

अस्पतालों में डाक्टर ने मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की सलाह दी है, लेकिन यह दवा उपलब्ध नहीं है। यहां तक इसका विकल्प भी मौजूद नहीं है। इसे लेकर लोग परेशान हैं। इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

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