पहाड़ के मंदिरों में पहचान छुपाकर रहते हैं बाबा, किडनैपिंग का मामला सामने आने के बाद बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के रतोड़ा गांव में दो बाबाओं द्वारा नाबालिग की किडनैपिंग का मामला सामने आने के बाद से पहाड़ पर बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पहाड़ों के मंदिरों में कई स्थान पर बाबा बेरोकटोक रह रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 12:30 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 12:30 PM (IST)
पहाड़ के मंदिरों में पहचान छुपाकर रहते हैं बाबा, किडनैपिंग का मामला सामने आने के बाद बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
पहाड़ के मंदिरों में पहचान छुपाकर रहते हैं बाबा!

गरमपानी, संवाद सहयोगी : नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के रतोड़ा गांव में दो बाबाओं द्वारा नाबालिग की किडनैपिंग का मामला सामने आने के बाद से पहाड़ पर बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पहाड़ों के मंदिरों में कई स्थान पर बाबा बेरोकटोक रह रहे हैं, जिनका रिकॉर्ड ना तो प्रशासन के पास है और ना ही ग्रामीणों के। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में बाहरी बाबाओं की भी आवाजाही लगातार बढ़ रही है।

ब्लॉक के रतोड़ा गांव में नाबालिग के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद नौनिहालो की सुरक्षा पर तमाम सवाल खड़े होने लाजमी है। पहाड़ों में हर कदम पर मंदिर हैं जिन पर ग्रामीण बाहर से आए बाबाओं पर भरोसा कर उन्हें मंदिर की पहरेदारी के लिए रख लेते हैं पर रतोडा़ गांव में हुए घटनाक्रम के बाद अब गांव के लोग सख्तज में आ गए हैं। सत्यापन अभियान की भी पोल खुल गई है। सत्यापन अभियान का दावे हवाई साबित हो रहे हैं। 

धरातल पर हालात कुछ अलग हैं। कुछ वर्ष पूर्व कैंची के समीप एक बाबा की हत्या कर दी गई थी। पुलिस खोजबीन में जुटी तो अलग ही मामला सामने आ गया। पता चला कि बाबा अपने घर पर मारपीट में लिप्त था। पत्नी के साथ मारपीट के बाद वह गांव छोड़ कैची के जंगल में बने मंदिर में रहने आ गया। ऐसे ही मामले गाहेबगाहे सामने आते हैं। पर कार्रवाई ना होने से बाबाओं की फौज बेरोकटोक पहाड़ों की ओर बढ़ रही है। सुदूर गांवों में बाबा ग्रामीणों पर भी भारी पड़ रहे हैं।

चरस के कारोबार में भी लिप्तता

रतोड़ा में हुए मामले के बाद अब कई बातें खुलकर सामने आने लगी हैं। नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीण बताते हैं कि कई बाबा चरस का कारोबार भी खुलकर कर रहे हैं। गांवों से चरस खरीद बाहरी क्षेत्रों में सप्लाई कर रहे हैं। गेरुआ वस्त्र होने के चलते उन पर कोई आसानी से शक भी नहीं करता वही पुलिस से भी बच कर निकल जाते हैं।

सत्यापन अभियान में तेजी लाने की उठी मांग

गांवों में स्थित मंदिरों में बाबाओं की कुंडली खंगालने के बात भी खुलकर सामने आने लगी है। ग्रामीणों ने गांवों में रह रहे बाबाओं का सत्यापन अभियान में तेजी लाने तथा गलत कार्यों में लिप्त बाबाओं पर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है हालांकि  वर्षों से गांवों में रह रहे बाबाओं को नाजायज परेशान ना करने की बात भी उठा रहे हैं। कहा की कुछ सन्यासियों ने पूरा जीवन ही गांवों के मंदिर में व्यतीत कर दिया है। गलत कार्यों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई की मांग भी उठाई है।

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