नैनीझील ओवरफ्लो होने से मालरोड जलमग्न, आर्मी के जवानों ने लोगों को बहने से बचाया
झील का पानी डाँठ के ऊपर से बहने लगा। तल्लीताल बस अड्डे से रिक्शा स्टैंड के बीच पानी कमर तक भर गया। आर्मी के जवानों ने भवाली कैंट बाजार रोड में फसे कई लोगों को पानी के तेज बहाव में बहने से बचाया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : नगर में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश का जबरदस्त तांडव दिखाया। नैनीझील का पानी ओवरफ्लो होकर लोअर मालरोड झील में तब्दील हो गई। झील का पानी डाँठ के ऊपर से बहने लगा। तल्लीताल बस अड्डे से रिक्शा स्टैंड के बीच पानी कमर तक भर गया। आर्मी के जवानों ने भवाली कैंट बाजार रोड में फसे कई लोगों को पानी के तेज बहाव में बहने से बचाया। सिंचाई विभाग के अनुसार 60 घण्टों में सात सौ मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
पिछले तीन दिन से शुरू हुई भीषण बारिश का सिलसिला मंगलवार सुबह तक जारी रहा, जबकि पूरे दिन हल्की रिमझिम बारिश झील को ओवरफ्लो करते रही। इस दौरान नगर के नाले उफान पर रहे और प्राकृतिक जलश्रोत भी रिचार्ज होकर नगर को जलमग्न करते रहे। झील का पानी ओवर फ्लोव होने से लोवर मालरोड से आवाजाही ठप हो गई। डाँठ के ऊपर से ओवरफ्लो के चलते लोग आ - जा नही सके। तल्लीताल डाँठ से पानी ओवर फ्लो के चलते कई लोग भवाली रोड कैंट बाजार की दुकानों के सामने फस गए। जिन्हें कैंटआर्मी के जवानों ने तत्प्रता दिखाते हाथों में हाथों का बांध बनाकर निकाला और कई लोगों को पानी के तेज बहाव में बहने से बचा लिया। इस दौरान नगर के ऊपरी क्षेत्रों के संपर्क मार्ग नालों में तब्दील हो गए। जिस कारण वाहनों की आवाजाही ठप रही। लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। इधर नायनपीक की पहाड़ी में पानी के श्रोत फूटने ने जलधारा बन गई।
भीषण बारिश के चलते लोगों की रातें ख़ौफ़ में कटी। शाम साढ़े चार बजे बाद बारिश रुकने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। सिंचाई विभाग झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार पिछले 36 घन्टों में करीब 455 मिमी बारिश हुई, जबकि इससे पहले 24 घन्टे में 250 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। झील से जलनिकासी के पांचों चैनल खोल दिये हैं। हैवी रेनफाल के कारण झील का पानी ओवरफ्लो हुआ है।
भीषण बारिश ने तोड़े पुराने रिकार्ड
मौसम विभाग के राज्य निदेशक डॉ बिक्रम सिंह के अनुसार पिछले तीन दिन की बारिश ने कई स्थानों के पिछले रिकार्ड तोड़ दिए हैं। मुक्तेश्वर में 24 घंटे का आल टाइम बारिश का रिकार्ड 1914 में 18 सितम्बर को 254.5 मिमी था, जबकि इस बार 340.8 मिमी रिकार्ड हुई। इसी तरह पंतनगर में 10 जुलाई 1990 में 228 मिमी रिकार्ड बारिश हुई थी, जबकि इस बार 403.2 मिमी रिकार्ड की गई है। उन्होंने बताया कि अब मौसम में सुधार आ जायेगा।