ब्रम्हांड के रहस्य को समझने की दिशा में अहम खोज, मैग्नेटार में विस्फोट रहस्य खुला, सूर्य से हो सकते हैं एक लाख गुना ज्यादा चमकदार
एरीज नार्वे व स्पेन के विज्ञानियों ने तारों की दुनिया के रहस्य का पता लगाते हुए महत्वपूर्ण खोज की है। खोज मैग्नेटार (अत्यधिक चुंबकीय क्षेत्र वाले न्यूट्रान तारे) के विस्फोट में की गई है। इस खोज में एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने अहम भूमिका निभाई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : एरीज, नार्वे व स्पेन के विज्ञानियों ने तारों की दुनिया के अत्यंत गूढ़ रहस्य का पता लगाते हुए महत्वपूर्ण खोज की है। यह खोज मैग्नेटार (अत्यधिक चुंबकीय क्षेत्र वाले न्यूट्रान तारे) के विस्फोट में की गई है। इस खोज में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने अहम भूमिका निभाई है।
एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि मैग्नेटार का द्रव्यमान 20 किलोमीटर के व्यास का होता है, जो पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग पांच लाख गुना अधिक हो सकता है। इस तरह के अभी तक मात्र 30 ही पिंड ज्ञात हैं। यह कभी-कभी प्रचंड विस्फोटों के शिकार होते हैं। मैग्नेटार विस्फोट भी ऐसा ही है, जो अपने अप्रत्याशित स्वभाव व क्षणिक यानी एक सेकेंड के 10वें हिस्से में होने के कारण बहुत दुर्लभ होते हैं।
नेचर पत्रिका में यह खोज प्रकाशित हो चुकी है। इस खगोलीय घटना के अध्ययन से विस्फोट के चरम पर देखे गए कई रहस्यों को जाना जा सका है। यह शोध अंडालूसिया शोध संस्थान (आइएए-सीएसआइसी, स्पेन) के वैज्ञानिक प्रो. अल्बर्टो जे कास्त्रो-तिराडो के नेतृत्व में कि या गया, जो इस खगोलीय घटना के उच्चतम ऊर्जा के उन विस्फोटक क्षणों के विभिन्न दोलनों या स्पंदनों को मापने में कामयाब रहे हैं।
अत्यंत दुर्लभ था यह विस्फोट
डा. शशिभूषण ने बताया कि मैग्नेटार का यह विस्फोट 15 अप्रैल 2020 को हुआ था, जो एक सेकंड के लगभग 10वें हिस्से तक ही चला। इससे उत्सर्जित ऊर्जा हमारे सूरज द्वारा 100,000 वर्षों में निकली ऊर्जा के बराबर थी। इस शोध से कई स्पदंनों का खुलासा हुआ। पहला स्पंदन लगभग एक सेकेंड के लाखवें हिस्से के बराबर था, जो अन्य ज्ञात चरम विस्फोटों की तुलना में बहुत तेज था। मैग्नेटार हमारे सूर्य की तुलना में एक लाख गुना अधिक चमकदार हो सकते हैं।
अस्थिरता के कारण हो सकता है विस्फोट
डा. शशिभूषण ने बताया कि मैग्नेटार में विस्फोट उनके चुंबकीय मंडल में अस्थिरता के कारण हो सकता है या उनकी ऊपरी सतह के लगभग एक किलोमीटर मोटी एक कठोर और लचीले परत में उत्पन्न एक प्रकार के भूकंप के कारण हो सकता है। मैग्नेटार तारे के चुंबकीय मंडल में एक प्रकार की तरंगें बनती हैं।
स्पेन के जरिए किया गया शोध
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के जरिए यह शोध संभव हो सका। असीम नामक उपकरण ने इस विस्फोट का पता लगाया। यह एक जटिल कार्य था। लगभग एक करोड़ 30 लाख प्रकाश वर्ष दूर स्थित स्कल्पटर आकाश गंगाओं के समूह में यह शोध किया गया।
दूसरी आकाशगंगाओं को चुंबकीय तनाव को समझने में मिलेगी मदद
डा पांडेय ने बताया कि यह अध्ययन न्यूट्रान तारों और उसके आसपास चुंबकीय तनाव कैसे उत्पन्न होता है, इसका पता लगाने में महत्वपूर्ण घटक सिद्ध होगा। भविष्य में आसपास की आकाशगंगाओं में मैग्नेटार तारों की निरंतर निगरानी कर इस घटना को समझने में अधिक मदद करेगी।