उत्तराखंड के इस जिले में रसोई गैस संकट से हाहाकार, एक माह से बनी हुई है किल्लत

रसोई गैस का संकट अब जिले में गंभीर हो चला है। पिथौरागढ़ से लेकर सीमांत मुनस्यारी तक के उपभोक्ता गैस वितरण केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। एक माह से चल रहे चल रहे गैस संकट को खत्म करने के लिए अब तक कोई पहल नहीं हुई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 03:54 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 03:54 PM (IST)
उत्तराखंड के इस जिले में रसोई गैस संकट से हाहाकार, एक माह से बनी हुई है किल्लत
उत्तराखंड के इस जिले में रसोई गैस संकट से हाहाकार, एक माह से बनी हुई है किल्लत

पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : रसोई गैस का संकट अब जिले में गंभीर हो चला है। पिथौरागढ़ से लेकर सीमांत मुनस्यारी तक के उपभोक्ता गैस वितरण केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। एक माह से चल रहे चल रहे गैस संकट को खत्म करने के लिए अब तक कोई पहल नहीं हुई है। गैस संकट से परेशान जिले की जनता में व्यवस्था को लेकर खासा आक्रोश पनप रहा है।

गैस एजेंसी ने पहले अक्टूबर माह में हुई भारी बारिश के चलते पिथौरागढ़- हल्द्वानी सड़क के बंद हो जाने को संकट का कारण बताया था, अब सड़क पूरी तरह संचालित है, बावजूद इसके जिले में गैस का संकट दूर नहीं हो पा रहा है। जिले को जरू रत के मुताबिक प्लांट से गैस नहीं मिल पा रही है। जिससे संकट बना हुआ है। जिले का कोटा कहां दिया जा रहा है इसका खुलासा भी गैस एजेंसी नहीं कर रही है। जिला मुख्यालय में ही हर रोज चार ट्रक गैस की जरू रत होती है, लेकिन मुख्यालय में दो ही ट्रक पहुंच रहे हैं।

मांग और पूति के अंतर के चलते ही गैस का संकट बना हुआ है, अकेले जिला मुख्यालय में ही गैस का बैकलॉग ढाई हजार से अधिक हो चुका है। सात दिन पूर्व गैस बुक करा चुके उपभोक्ताओं को भी गैस नहीं मिल पा रही है। गैस एजेंसी एक सप्ताह में संकट दूर कर लेने का दावा कर रही है। उधर सीमांत मुनस्यारी में भी गैस संकट से उपभोक्ता परेशान हैं। उपभोक्ताओं को सिलेंडर लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। जनमंच ने गैस संकट जल्द दूृर नहीं किए जाने पर गैस एजेंसी का घेराव करने की चेतावनी दी है।

chat bot
आपका साथी