Chaturmas 2021 : विश्राम करेंगे भगवान विष्णु, चार माह तक शिव के हाथ रहेगा सृष्टि का संचालन

Chaturmas 2021 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से 15 नवंबर की अवधि में भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम अवस्था में रहेंगे। ज्योतिष में इस काल को चातुर्मास कहा गया है। चातुर्मास में सृष्टि संचालन का प्रभार भगवान भोलेनाथ के पास रहेगा।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 04:16 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 04:16 PM (IST)
Chaturmas 2021 : विश्राम करेंगे भगवान विष्णु, चार माह तक शिव के हाथ रहेगा सृष्टि का संचालन
15 नवंबर को देवउत्थानम एकादशी के दिन तुलसी विवाह के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।

जागरण संवादददाता, हल्द्वानी : Chaturmas 2021 : सृष्टि संचालनकर्ता भगवान विष्णु इस बार 118 दिन विश्राम करेंगे। पिछले साल अधिकमास होने के कारण करीब पांच माह (148 दिन) श्रीहरि विश्राम अवस्था में रहे थे। इस साल 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से 15 नवंबर की अवधि में भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम अवस्था में रहेंगे। ज्योतिष में इस काल को चातुर्मास कहा गया है। चातुर्मास में सृष्टि संचालन का प्रभार भगवान भोलेनाथ के पास रहेगा। इस अवधि में विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य वॢजत रहेंगे। हालांकि धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं।

तुलसी विवाह से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 15 नवंबर को देवउत्थानम एकादशी के दिन तुलसी विवाह के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। शास्त्रों के अनुसार जहां तुलसी का पौधा लगाया जाता है वहां लक्ष्मीजी निवास करती हैं। चातुर्मास में विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, चूड़ाकर्म जैसे मांगलिक काम नहीं होते।

नवंबर व दिसंबर में केवल 13 मुहूर्त

कोरोना के कारण इस बार ग्रीष्मकाल में गिनेचुने विवाह हुए। डा. नवीन जोशी के मुताबिक नवंबर व दिसंबर में भी 13 ही मुहूर्त मिलेंगे। नवंबर में 15, 16, 20, 21, 28 व 29 तारीख को विवाह मुहूर्त रहेंगे। दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 11 व 13 तारीख को विवाह के श्रेष्ठ लग्न हैं। 16 दिसंबर से खरमास (पौष) शुरू हो जाएगा। इस दौरान सूर्य ग्रह बृहस्पति की राशि धनु में आ जाता है। इसलिए इसे धनुर्मास भी कहते हैं। इस दौरान विवाह नहीं होते।

देवशयनी एकादशी का महत्व

श्री सनातम धर्म संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र बेलवाल ने बताया कि स्कंद पुराण में देवशयनी एकादशी का महात्म्य बताया गया है। श्रीकृष्ण व युधिष्ठिर संवाद में इसका वृतांत मिलता है। इस बार एकादशी का व्रत 20 जुलाई को होगा। एकादशी पर विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

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