पांच वर्ष से जारी नहीं हो रहे लाइब्रेरी के सदस्यता कार्ड, युवाओं ने जताया आक्रोश

चार वर्ष पूर्व महाविद्यालय में चले पुस्तक आंदोलन के बाद सांसद निधि से कुछ धनराशि पुस्तकों की खरीद के लिए दी गई थी लेकिन इसके बाद से लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें नहीं खरीदी गई हैं। युवा नेताओं ने जिलाधिकारी से पुस्तकों की खरीद की व्यवस्था कराए जाने की मांग की।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:58 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:58 PM (IST)
पांच वर्ष से जारी नहीं हो रहे लाइब्रेरी के सदस्यता कार्ड, युवाओं ने जताया आक्रोश
जिलाधिकारी ने युवाओं द्वारा उठाई गई मांग पर समुचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय की एकमात्र लाइब्रेरी के सदस्यता कार्ड बनाने की प्रक्रिया पिछले पांच वर्ष से ठप पड़ी है। जिसके चलते पाठकों को घरों के लिए पुस्तकें नहीं मिल पा रही हैं। युवाओं ने कार्ड नहीं बनने पर आक्रोश जताते हुए जिलाधिकारी से कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू  किए जाने की मांग की है। 

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राकेश जोशी और महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यह मामला जिलाधिकारी के सामने रखा। दोनों ने जिलाधिकारी ने बताया कि लाइब्रेरी में पिछले पांच वर्ष से सदस्यता कार्ड नहीं बन रहे हैं। जिसके चलते घर पर अध्ययन के लिए पुस्तकें नहीं मिल पा रही हैं। पाठक को इसके चलते खासी असुविधा हो रही है। युवा नेताओं ने बताया कि लाइब्रेरी में पुस्तक खरीद प्रक्रिया भी नियमित नहीं है। चार वर्ष पूर्व महाविद्यालय में चले पुस्तक आंदोलन के बाद सांसद निधि से कुछ धनराशि पुस्तकों की खरीद के लिए दी गई थी, लेकिन इसके बाद से लाइब्रेरी के लिए पुस्तकें नहीं खरीदी गई हैं। युवा नेताओं ने जिलाधिकारी से पुस्तकों की नियमित खरीद की व्यवस्था कराए जाने की मांग की। जिलाधिकारी ने युवाओं द्वारा उठाई गई मांग पर समुचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

पिथौरागढ़ के डा.मनीष बने आइआइटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर 

पिथौरागढ़ : जिले के प्रतिभावान युवा डा.मनीष भट्ट आइआइटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए चयनित हुए हैं। नगर के टकाना क्षेत्र में रहने वाले मनीष बचपन से ही मेधावी रहे। दयानंद इंटर कालेज से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले मनीष ने प्रदेश की योग्यता सूची में अपना स्थान बनाया था। उन्होंने कानपुर आइआइटी से एमटैक किया। आइआइएसी बंगलुरू  से पीएचडी करने के बाद उन्होंने कनाडा से पोस्ट डॉक्ट्रेट की उपाधि हासिल की। अमेरिका की जॉन होबेकिंग यूनिवर्सिटी में काम करने के बाद वे भारत लौट आए। बिट्स पिलानी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात डा.मनीष अब आइआइटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए चयनित हुए हैं। उन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है। 

दुनिया के सात देशों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके मनीष के शोध पत्रों को दुनिया के प्रख्यात वैज्ञानिक डा.एन टैग अपनी पुस्तक में सराहना दे चुके हैं। मनीष के पिता डा.धर्मानंद भट्ट बलुवाकोट महाविद्यालय में अध्यापन करते हैं। बड़े भाई दिनेश भट्ट राइका कुम्डार में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता हैं। बहन दिव्या मूनाकोट पॉलिटेक्निक में व्याख्याता हैं। उनकी इस उपलब्धि पर जिले के तमाम लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

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