तराई के जंगलों में कम नजर आने वाले हॉग डियर का आंकड़ा आज जारी होगा

तराई के जंगलों में कम नजर आने वाले हॉग डियर यानी पाड़ा के आंकड़े वन संरक्षक द्वारा आज जारी किए जाएंगे। फरवरी में पांच दिन तक वेस्टर्न सर्किल के पांच वन प्रभागों में वन विभाग द्वारा इनकी गिनती करवाई गई थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 11:08 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 11:08 AM (IST)
तराई के जंगलों में कम नजर आने वाले हॉग डियर का आंकड़ा आज जारी होगा
तराई के जंगलों में कम नजर आने वाले हॉग डियर का आंकड़ा आज जारी होगा

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : तराई के जंगलों में कम नजर आने वाले हॉग डियर यानी पाड़ा के आंकड़े वन संरक्षक द्वारा आज जारी किए जाएंगे। फरवरी में पांच दिन तक वेस्टर्न सर्किल के पांच वन प्रभागों में वन विभाग द्वारा इनकी गिनती करवाई गई थी। विभागीय सूत्रों की माने तो कुछ रेंजों में इनकी संख्या का अनुपात ठीक मिला है।

उत्तराखंड को वन्यजीवों की संख्या और दुर्लभता के लिहाज से समृद्ध माना जाता है। बाघ, हाथी, गुलदार के अलावा मगरमच्छ व कोबरा व किंग कोबरा की भी यहां अच्छी संख्या है। बाघ व गुलदार का भोजन आमतौर पर बारहसिंघा व सांभर व चीतल को माना जाता है। हिरण की एक अन्य प्रजाति हॉग डियर यानी पाड़ा को बाघ-गुलदार का भोजन माना जाता है। 

फरवरी में वन मुख्यालय द्वारा वेस्टर्न सर्किल को पत्र भेज कहा गया था कि शिकार व अन्य वजहों से पाड़ा की कमी हो सकती है। लिहाजा, एक बार इनकी गणना की जाए। ताकि संरक्षण को लेकर नए सिरे से प्रयास किया जा सके। जिसके बाद सर्किल से रामनगर डिवीजन, तराई केंद्रीय, तराई पश्चिमी, तराई पूर्वी व हल्द्वानी डिवीजन को पत्र लिख गणना के लिए निर्देशित किया गया। रेंज स्तर पर गिनती का काम पूरा कर होलीे से एक दिन पहले सर्किल को भेज दिया गया था। आज कंजरवेटर जीवन चंद्र जोशी आंकड़े जारी करेंगे।

बंदर आज भी पकड़े जाएंगे

गौलापार के आबादी क्षेत्र में वन विभाग द्वारा आज भी बंदर पकडऩे का अभियान चलाया जाएगा। पिछले चार दिन में मथुरा से आए एक्सपर्ट संग फॉरेस्ट 100 बंदरों को पकड़ घने जंगल में छोड़ चुका है।

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