Babita Murder Case : दिल्ली की महिला की हत्या के मामले में फंसा कानूनी पेंच, जानिए क्या

गुमशुदगी दिल्ली में दर्ज होने के कारण अब हत्या का मुकदमा दिल्ली पुलिस ही दर्ज करेगी। नैनीताल पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई व पोस्टमार्टम कर महिला का शव स्वजनों को सौंप दिया है। पुलिस आरोपित को लेकर दिल्ली रवाना हो गई है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:45 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:45 AM (IST)
Babita Murder Case : दिल्ली की महिला की हत्या के मामले में फंसा कानूनी पेंच, जानिए क्या
दिल्ली में अपहरण का मामला दर्ज होने के कारण नैनीताल पुलिस अलग से मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती थी।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : पत्नी की नैनीताल में हत्या कर शव ठिकाने लगाने के मामले में मुकदमा दर्ज करने को लेकर कानूनी पेंच फंस गया है। गुमशुदगी दिल्ली में दर्ज होने के कारण अब हत्या का मुकदमा दिल्ली पुलिस ही दर्ज करेगी। नैनीताल पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई व पोस्टमार्टम कर महिला का शव स्वजनों को सौंप दिया है। पुलिस आरोपित को लेकर दिल्ली रवाना हो गई है।

चाणक्य पैलेस द्वारका नई दिल्ली निवासी डाली राम ने 15 जून को डाबरी थाने में अपनी 26 वर्षीय बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर महिला की तलाश की मगर कुछ पता नहीं चला। महिला के मोबाइल की अंतिम लोकेशन नैनीताल हनुमानगढ़ी पर मिलने के आधार पर सोमवार को दिल्ली पुलिस महिला के पति को लेकर नैनीताल पहुंची। सख्ती से पूछताछ में पति ने हत्या कर शव कलमठ में ठिकाने लगाना कबूल लिया। पति को गिरफ्तार कर घटना स्थल नैनीताल होने के कारण उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई देर रात की जा रही थी।

एसओ विजय मेहता ने बताया कि शव मिलने का घटनास्थल नैनीताल है मगर दिल्ली में अपहरण का मामला दर्ज होने के कारण नैनीताल पुलिस अलग से मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती थी। आरोपित को दिल्ली पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। महिला के स्वजनों के पहुंचने पर पंचनामा, पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया गया। जिसका पाइंस में अंतिम संस्कार किया गया।

मृतका के स्वजनों ने लगाए कई आरोप

पोस्टमार्टम नैनीताल पहुंचे मृतका के भाई तरुण कुमार ने उसके पति पर संगीन आरोप लगाए। कहा प्रेम विवाह होने के बावजूद राजेश का व्यवहार उनकी बहन के लिए सही नहीं था। उसका किसी अन्य लड़की से भी प्रेम प्रसंग होने के कारण अक्सर वह घर पर नहीं रहता था। छह जून को जब राजेश पत्नी को ऊधमसिंह नगर लाने की जिद कर रहा था तो वह थाने शिकायत लेकर गए थे, मगर थाने के बाहर से ही उनकी बहन गायब हो गई।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी उठाए सवाल

मृतका के भाई तरुण ने कहा कि बहन के गुम होते ही उन्होंने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी, मगर दिल्ली पुलिस मामले में हीलाहवाली करती रही और कोई परिणाम नहीं निकला। बीते डेढ़ माह में मामले में तीन जांच अधिकारी बदल दिए गए। जिस कारण उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। जब कोर्ट ने एक सप्ताह में बहन को खोजने के आदेश दिए तो पुलिस हरकत में आई और पति से सख्ती से पूछताछ के बाद मामला खुल पाया।

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