इलाज के ल‍िए दून पहुंची इंदिरा हृदयेश; हल्‍द्वानी से रवानगी से पहले बोलीं, चि‍ंता मत करो मैं स्‍वस्‍थ हूं

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 07:50 AM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 07:00 PM (IST)
इलाज के ल‍िए दून पहुंची इंदिरा हृदयेश; हल्‍द्वानी से रवानगी से पहले बोलीं, चि‍ंता मत करो मैं स्‍वस्‍थ हूं
इलाज के ल‍िए दून पहुंची इंदिरा हृदयेश; हल्‍द्वानी से रवानगी से पहले बोलीं, चि‍ंता मत करो मैं स्‍वस्‍थ हूं

हल्द्वानी, जेएनएनः कोरोना पाॅजिटिव आईं नेता प्रतिपक्ष उपचार के लिए देहरादून रवाना हो गईं। शनिवार अपराह्न करीब दो बजे वह गौलापार के अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पहुंचीं। जहां से एयर एबुलेंस के जरिये वह देहरादून मैक्स अस्पताल के लिए रवाना हो गई। यहां पर मीडिया से बातचीत में इंदिरा ने कहा वह पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। उन्हें किसी तरह के लक्षण नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी के डाॅक्टरों की रिपोर्ट साथ लेकर जा रही हैं। देहरादून में डाॅक्टरों की रायशुमारी के आधार पर अपना उपचार कराएंगी। आखिर में हंसते हुए वह बोलीं, लक्षण कुछ भी नहीं हैं लेकिन कोरोना का क्या भरोसा..। यह कहते हुए वह आगे बढ़ गईं। दून रवाना होते समय बेटे सुमि‍त हृदयेश भी उनके साथ हैं। 

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की शुक्रवार देर रात कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें शुक्रवार सुबह  डॉ. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल (एसटीएच) में भर्ती कराया गया। इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्विट कर दी। नेता प्रतिपक्ष ने ट्विट किया कि बुधवार रात बुखार आया। आरटी पीसीआर जांच के लिए निजी लैब में सैंपल दिया। डॉक्टर के परामर्श के बाद चेस्ट का सीटी स्कैन कराया, जिसमें निमोनिया का पता चला। एहतियात के तौर पर एसटीएच में भर्ती हो गई हूं। शुक्रवार देर रात उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वह रात ही घर लौट गई।

 

संपर्क में आए लोग चिंतित 

नेता प्रतिपक्ष के कोरोना संक्रमित आने के बाद उनके संपर्क में आए लोग चिंता में आ गए हैं। इंदिरा हृदयेश पिछले दिनों राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय थीं। वह कई सामाजिक कार्यों में भागीदारी कर रही थीं। पिछले सप्ताह वह फीस माफी आंदोलन को समाप्त कराने के लिए बुद्ध पार्क गईं। जहां वह जूस पिलाकर धरना समाप्त कराते दिखीं। वहीं पार्षदों के बीच बैठक हुई थी। दो दिन पहले एक संगठन के पदाधिकारी ज्ञापन देने के लिए उनके आवास पहुंचे थे। 

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