चुनावी साल में सामने आ रहा कांग्रेस का अंतर्कलह, हरीश रावत के करीबी का प्रीतम सिंह पर कटाक्ष

चुनावी साल के बावजूद कांग्रेसी एकजुट होने को राजी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए प्रीतम सिंह व पूर्व सीएम हरीश रावत के समर्थकों में कभी बनी नहीं। जुलाई में हाईकमान के दखल के बाद नई टीम बनी तो प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा मिला।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:19 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:19 AM (IST)
चुनावी साल में सामने आ रहा कांग्रेस का अंतर्कलह, हरीश रावत के करीबी का प्रीतम सिंह पर कटाक्ष
चुनावी साल में सामने आ रहा कांग्रेस का अंतर्कलह, हरीश रावत के करीबी का प्रीतम सिंह पर कटाक्ष

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चुनावी साल के बावजूद कांग्रेसी एकजुट होने को राजी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए प्रीतम सिंह व पूर्व सीएम हरीश रावत के समर्थकों में कभी बनी नहीं। जुलाई में हाईकमान के दखल के बाद चुनाव को लेकर नई टीम बनी तो प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा मिला।

वहीं, मंगलवार को दून में प्रीतम की वनमंत्री हरक सिंह रावत व भाजपा विधायक उमेश शर्मा संग एक फोटो खासा चर्चा में रही। अब इस फोटो के बहाने किसान कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व हरदा के करीब कमान सिंह धामी ने प्रीतम पर निशाना साध बता दिया कि गुटबाजी खत्म नहीं हुई। धामी ने फेसबुक पर लिखा कि आपदा पीडि़तों का हाल-चाल जानने के लिए कहा था। भाजपा पीडि़त आपदाओं का नहीं नेता प्रतिपक्ष जी।

2017 के विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस दो धुरों में बंटी रही। एक खेमा हरीश रावत और दसूरा प्रीतम सिंह का। दो साल पहले पीसीसी की नई लिस्ट जारी होने पर अंदरूनी कलह सड़कों तक पहुंच गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेसी क्षत्रपों को एकजुट न करने का खामियाजा तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह को भुगतना पड़ा। सितंबर 2020 में पार्टी ने उनकी जगह राष्ट्रीय सचिव देवेंद्र यादव को प्रभारी नियुक्त कर दिया।

उसके बावजूद दोनों खेमे अंदरखाने एक-दूसरे के खिलाफ भड़ास निकालते रहे। फेसबुक समेत इंटरनेट मीडिया के अन्य प्लेटफार्म को जरिया बनाया गया। पिछले महीने परिवर्तन यात्रा के रामनगर पहुंचने पर कार्यकर्ताओं के सामने ही दोनों खेमों की राह जुदा हो गई। तब हरदा अपने करीबी संजय नेगी संग गाड़ी में बैठ दूसरे रास्ते को निकले तो प्रीतम सिंह ने कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत का साथ दिया। लगातार नजर आ रही गुटबाजी से साफ जाहिर होता है कि दिल अब भी नहीं मिले।

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