बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनूठी पहल, लॉ के छात्र फरियादियों को देंगे कानूनी मदद

बार काउंसिल ऑफ इंडिया देश में अभिनव प्रयोग करने जा रहा है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत लॉ के छात्र भी अब जरूरतमंद फरियादियों को वकील की तर्ज पर न्याय दिलाने में मदद करेंगे। विधिक संबंधी समस्याओं का निदान भी कराएंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 06:20 AM (IST)
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनूठी पहल, लॉ के छात्र फरियादियों को देंगे कानूनी मदद
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की अनूठी पहल, लॉ के छात्र फरियादियों को देंगे कानूनी मदद

दीप सिंह बोरा, अल्मोड़ा : बार काउंसिल ऑफ इंडिया देश में अभिनव प्रयोग करने जा रहा है। विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत लॉ के छात्र भी अब जरूरतमंद फरियादियों को वकील की तर्ज पर न्याय दिलाने में मदद करेंगे। विधिक संबंधी समस्याओं का निदान भी कराएंगे। मकसद है वकालत की पढ़ाई कर रहे इन विद्यार्थियों को कुशल न्याय अधिकारी व विशेषज्ञ अधिवक्ता बनाना। साथ ही पैरालीगल वर्कर के तौर पर समाज के उस तबके को विधिक सेवा व सुविधा दिलाना है जो अशिक्षा व जानकारी के अभाव में न्यायालय तक नहीं पहुंच सकते।

देश की बार काउंसिल ने सेंट्रल ऑफ लीगल एजूकेशन से योग्य व प्रतिभाशाली छात्रों की सूची मांगी है। कुमाऊं के इकलौते विधि संकाय से भी 25 से 30 छात्रों का चयन किया जाना है। विश्वविद्यालयों के विधि संकाय के छात्र पैरालीगल वर्कर के रूप में संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिये फरियादियों की मदद करेंगे। देशभर के साथ ही शिक्षा के हब अल्मोड़ा स्थित सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि संकाय में एलएलबी की पढ़ाई कर रहे प्रतिभाशाली छात्र भी यह भूमिका अदा करेंगे।

जिला जज करेंगे मार्गदर्शन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधीन चयनित लॉ के छात्रों को जिला जज मार्गदर्शन देंगे। यानि विधिक सेवा मुहैया कराने वाले ये छात्र प्राधिकरण सचिव व जिला जज दोनों की निगरानी में विधिक सहायता देंगे। प्राधिकरण सचिव व विधि संकाय के विभागाध्यक्ष भी छात्रों को गाइड करेंगे।

ये निभाएंगे दायित्व

पैरालीगल वर्कर के तौर पर ये छात्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दिए गए सभी दायित्वों का निर्वहन करेंगे। जरूरतमंदों के लिए क्लेम संबंधी प्रार्थना पत्र तैयार कर समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ दिलाने तक में हाथ बंटाएंगे। मनरेगा कार्यों व सरकारी योजनाओं से वंचित बेरोजगार या ग्रामीण के लिए जूझेंगे। कानूनी पहलुओं के साथ ही नियम व उपनियमों से रू ब रू कराएंगे। पैरालीगल वर्कर के रूप में विधिक साक्षरता का पूरा ज्ञान भी देंगे।

वकील की तरह ही दायित्व निभाएंगे

सोबन सिंह जीना विवि विधि संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. जेएस बिष्ट ने बताया कि ये छात्र वकील तो नहीं होंगे पर वकील की तरह ही दायित्व निभाएंगे। इस प्रयोग का दोहरा मकसद है। पहला एलएलबी छात्रों का सशक्तीकरण। यानि वह लोगों को विधिक सेवा व सहायता कैसे देंगे। उन्हें इस योग्य बनाना कि विधिक सेवा प्राधिकरण जो भी काम सौंपे, उसे बखूबी कर सके। साथ में उन्हें विशेषज्ञ वकील व न्याय अधिकारी भी बनाना है। चयन से पूर्व हम चयनित छात्रों को 15 दिन गहन अध्ययन करा रहे हैं। फिर प्राधिकरण को रिपोर्ट भेजेंगे। उसके बाद ही पैरालीगल वर्कर के रूप में उन्हें विधिक सेवा का जिम्मा दिया जाएगा।

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