गौला खुल भी गई तो खनन के लिए दीवाली-छठ पूजा के कारण नहीं मिलेंगे मजदूर
चार दिन बाद गौला के कुछ गेटों को खोल खनन सत्र का शुभारंभ कर दिया जाएगा। मगर खनन कारोबार रफ्तार पकडऩे की उम्मीद नवंबर अंत तक ही रहेगी। मजदूरों के अभी नहीं आने से यह दिक्कत आएगी। नदी में कुल साढ़े सात हजार वाहन संचालित होते हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : चार दिन बाद गौला के कुछ गेटों को खोल खनन सत्र का शुभारंभ कर दिया जाएगा। मगर खनन कारोबार रफ्तार पकडऩे की उम्मीद नवंबर अंत तक ही रहेगी। मजदूरों के अभी नहीं आने से यह दिक्कत आएगी। यही वजह है कि वाहनस्वामियों ने भी आरटीओ दफ्तर से कागजी प्रक्रिया पूरी करवा वन निगम में पंजीकरण का रिन्यूवल नहीं करवाया। नदी में कुल साढ़े सात हजार वाहन संचालित होते हैं। जिसमें से आठ सौ वाहनों ने ही नवीनीकरण फार्म भरे हैं।
नवंबर में दीवाली, भैय्या दूज, गोवर्धन पूजा के बाद छठ का बड़ा त्योहार भी होगा। नदी में काम करने वाले सात हजार मजदूर फिलहाल अपने घर उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड गए हुए हैं। ऐसे में बीस नवंबर को छठ पूजा मनाने के बाद ही यह लोग वापसी करेंगे। वहीं, वन निगम का दावा है कि बनभूलपुरा व अन्य जगहों के स्थानीय लोग नदी में मजदूरी करने को तैयार हो चुके हैं। ऐसे में चुगान को लेकर श्रमिकों की कमी नहीं रहेगी। धर्मकांटों का विवाद पूर्व में ही सुलझा लिया गया था। लिहाजा, एक नवंबर को गौला के कुछ गेट खोल दिए जाएंगे। शुरूआत हल्द्वानी डिवीजन से होगी।
इंश्योरेंस जरूरी कर दी : पिछले साल तक वाहनस्वामी इंश्योरेंस का कागज अधूरा होने पर भी वन निगम कार्यलय में नवीनीकरण की फाइल सौंप देते थे। मगर इस बार सख्ती के चलते बगैर इंश्योरेंस के वन निगम फाइल नहीं ले रहा।