कुमाऊं विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर मिला 27वां स्थान, उत्कृष शिक्षण संस्थानों में शामिल होने से प्रदेश का बढ़ा मान

1973 में स्थापित हुए कुमाऊं विवि के लिए ये वर्ष अच्छे संकेत लेकर आया है। कुलपति प्रो एनके जोशी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 01:32 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 01:32 PM (IST)
कुमाऊं विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर मिला 27वां स्थान, उत्कृष शिक्षण संस्थानों में शामिल होने से प्रदेश का बढ़ा मान
देश की एक नामी पत्रिका इंडिया टुडे की ओर से कराए गए सर्वे में विवि को 27वां स्थान मिला है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विश्वविद्यालय  अकादमिक एवं प्रशासनिक क्रियाकलापों में बदलाव से उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में शामिल हो गया है। देश की एक नामी पत्रिका इंडिया टुडे की ओर से कराए गए सर्वे में विवि को 27वां स्थान मिला है। विश्वविद्यालय ने यह उपलब्धि हासिल कर नैनीताल बल्कि राज्य का नाम भी गौरवान्वित किया है।

आइक्यूएसी के निदेशक प्रो राजीव उपाध्याय ने बताया कि इंडिया टुडे रैंकिंग ने अकादमिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता तथा विद्वानों के वैश्विक सर्वेक्षण, शोध एक्सीलेंस, कॅरियर प्रोग्रेशन, उपलब्धियां, मूलभूत सुविधाएं, लाइब्रेरी, प्रयोगशाला की स्थिति, उपकरण, फैकल्टी, प्रशाासनिक ढांचा समेत अन्य मानकों के आधार पर विश्वविद्यालय को सम्मानित किया है।

1973 में स्थापित हुए कुमाऊं विवि के लिए ये वर्ष अच्छे संकेत लेकर आया है। कुलपति प्रो एनके जोशी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड महामारी के कठिन समय में भी विश्वविद्यालय ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इंडिया टुडे की ओर से कराए गए सर्वे उच्च शैक्षिक संस्थानों की नैशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2021 NIRF 2021 में विवि को फार्मेसी कैटेगिरी में 57वां जबकि क्यूएस एशिया रैंकिंग में भी 551-600 स्थान मिला है।

बीसीआई की मान्यता के पश्चात् वर्तमान सत्र से पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-एलएलबी कोर्स भी विश्वविद्यालय द्वारा आंरभ किया गया है। कुलपति जोशी ने इस उपलब्धि पर कहा कि फैकल्टी, शोध विद्वानों, गैर-शिक्षण सहयोगियों के साथ-साथ  छात्रों के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप देखा जाना चाहिए। कुलपति प्रो०जोशी ने कहा कि कई महीनों से कोविड-19 महामारी के दौरान विश्वविद्यालय को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी हमने इन रुकावटों का सामना करते हुए आगे कदम बढ़ाया। विश्वविद्यालय द्वारा शोध, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, क्वालिटी ऑफ एजुकेशन, बेहतर सुविधाएं देने व व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं एवं विश्वविद्यालय लगातार उच्च शिक्षा के शीर्ष केंद्र के रूप में उभरने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। कुलसचिव श दिनेश चन्द्रा ने कहा कि चुनातियों के बाद कुलपति प्रो जोशी के नेतृत्व में प्रगति के पथ पर है। 

अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को अपनाने हुए शिक्षकों, शोधार्थियों एवं कर्मचारियों द्वारा विश्वविद्यालय को शिक्षा के बेहतर केंद्र के रूप में समेकित करने का प्रयास किया जा रहा है। परीक्षा नियंत्रक प्रो  एचसीएस बिष्ट ने कहा कि  विवि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में लगातार शीर्ष विश्वविद्यालयों के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। हाल में किए गए सुधारात्मक प्रयासों का परिणाम अब दिखने लगा है। कोशिश होनी चाहिए कि अगले वर्ष विश्वविद्यालय शीर्ष 10 स्थान पर आ जाए।

ये हैं विवि के वर्तमान प्रयास

- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन के साथ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस लागू किया। 

- प्लेसमेंट एंड कॉउंसलिंग सेल का पुनर्गठन किया गया। 

- इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर (नवोन्मेष व उद्भवन केंद्र) की स्थापना की गई। - कॉम्पिटिटिव एग्जामिनेशन सेंटर (प्रतियोगी परीक्षा केंद्र) की स्थापना की गई। 

- शिक्षकों, लैब-लाईब्रेरी व अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं के फीडबैक हेतु ऑनलाइन फॉर्म। 

- अकादमिक एवं प्रशासनिक क्रियाकलापों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता लाने हेतु ईआरपी० सॉफ्टवेयर सिस्टम को डेवेलप किया गया।

- एग्रोनोमी, एनवायरनमेंट, बायोकेमिस्ट्री, बायोइन्फार्मेटिक्स एवं मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में एमएससी पाठ्यक्रम आरम्भ किया। 

- क्रिमिनोलॉजी एवं साइबर सिक्योरिटी में क्रमशः स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम आरम्भ हुआ।   

- राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर 8 पेटेंट हासिल किये।

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