World Health Day -2021 : स्वस्थ रहने के लिए कभी न भूलें ये सात मंत्र
World Health Day -2021 स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है और स्वस्थ मस्तिष्क से ही स्वस्थ दुनिया का निर्माण संभव है। कोरोनाकाल ने लोगों को सेहत को दुरुस्त रखने की याद दिला दी है। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम थी वे कोरोना की चपेट में आ गए।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : World Health Day -2021 : स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क रहता है और स्वस्थ मस्तिष्क से ही स्वस्थ दुनिया का निर्माण संभव है। कोरोनाकाल ने लोगों को सेहत को दुरुस्त रखने की याद दिला दी है। हुआ भी यही, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम थी, वे कोरोना की चपेट में आ गए। उत्तराखंड में ही एक साल में एक लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए और 1736 लोगों की मौत हो गई। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में शहर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्वस्थ रहने के सात मंत्र बताए हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य दिवस की इस बार की थीम है, निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण।
1 - योग : वरिष्ठ योग विशेषज्ञ पाला मेहता कहती हैं, तन ही नहीं, बल्कि मन को स्वस्थ रखने के लिए योग जरूरी है। यह प्राचीन पद्धति पूरी तरह प्रामाणिक है। इसलिए नियमित योग करने से आप न केवल स्वस्थ रहेंगे, बल्कि आपकी सृजनात्मक व उत्पादक क्षमता भी बढ़ेगी।
2- भोजन : एसटीएच के वरिष्ठ फिजीशियन डा. विवेकानंद सत्यवली कहते हैं, कहा भी गया है, जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन। एकदम सही बात है। फ्रायड फूड, पैक्ड फूड हो या जंक फूड। इस तरह का भोजन बीमारियों का बड़ा कारण है। इसलिए सेहतमंद रहने के लिए संतुलित भोजन जरूरी है।
3- नियमित जांच : एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डा. अरुण जोशी कहते हैं, 40 वर्ष से अधिक उम्र के बाद हर किसी को नियमित स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। वैसे भी इस समय कोरोना का संक्रमण फैला है। इसलिए किसी तरह के लक्षण महसूस होत ही है, जांच कराने के बाद इलाज कराएं।
4 - नींद : एसटीएच के मनोविज्ञानी डा. युवराज पंत कहते हैं, स्वस्थ तरीके से जगे रहने के लिए जरूरी है गहरी नींद। तमाम शोधों से स्पष्ट है कि आजकल लोगों की नींद भी डिस्टर्ब हो गई है। इसलिए जरूरी है, छह से आठ घंटे की पर्याप्त नींद। अच्छी नींद से तमाम बीमारियां दूर हो जाती हैं।
5- टीकाकरण : अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि पंत ने बताया कि हर व्यक्ति को रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना जरूरी है। बच्चों को नियमित टीकाकरण कराना चाहिए। साथ ही इस समय 45 वर्ष से हर व्यक्ति के लिए कोरोना वैक्सीनेशन कराना चाहिए। बचाव ही उपचार है।
6- डिजिटल डिटॉक्सीफिकेशन : जरूरत से ज्यादा डिजिटल का प्रयोग तमाम बीमारियां बढ़ा रहा है। नींद से लेकर गर्दन, पीठ, कमर व अंगुलियों का दर्द बढ़ा दिया है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. भूपेंद्र बिष्ट बताते हैं, डिजिटल डिटॉक्सीफिकेशन यानी डिजिटल के सीमित प्रयोग से सेहतमंद रहेंगे।
7- मानसिक स्वास्थ्य : शारीरिक के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी है। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. मनोज त्रिवेदी कहते हैं, मानसिक सेहत के लिए भी नियमित अभ्यास की जरूरत रहती है। ध्यान, प्राणायाम करने के साथ ही सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। मन को प्रसन्न रखने का अभ्यास करें।
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