Last lunar eclipse of 2021 : जानिए 580 साल बाद लगने जा रहे दुर्लभ चंन्‍द्र ग्रहण के बारे में, 15 दिन बार सूर्यग्रहण भी होगा

Last lunar eclipse of 2021 साल का अंतिम आंशिक चंद्रग्रहण शुक्रवार शाम को इंफाल समेत उसके समीपवर्ती क्षेत्रों से चंद मिनटों के लिए देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों से नजर आएगा। अधिकतम ग्रहण के दौरान चंद्रमा का 98 फीसद भाग ढक जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 18 Nov 2021 07:05 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 10:03 AM (IST)
Last lunar eclipse of 2021 : जानिए 580 साल बाद लगने जा रहे दुर्लभ चंन्‍द्र ग्रहण के बारे में, 15 दिन बार सूर्यग्रहण भी होगा
Last lunar eclipse of 2021 : जानिए 580 साल बाद लगने जा रहे दुर्लभ चंन्‍द्र ग्रहण के बारे में

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Last lunar eclipse of 2021 : साल का अंतिम आंशिक चंद्रग्रहण शुक्रवार शाम को इंफाल समेत उसके समीपवर्ती क्षेत्रों से चंद मिनटों के लिए देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों से नजर आएगा। अधिकतम ग्रहण के दौरान चंद्रमा का 98 फीसद भाग ढक जाएगा। इतना लंबा ग्रहण 580 साल बाद लगने जा रहा है।

आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ शषिभूषण पांडेय के अनुसार एशिया समेत आस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका के अलावा हिंद महासागर आदि स्थानों से इस ग्रहण को देखा जा सकता है। दिन होने के समय भारत के सीमित क्षेत्र मणिपुर की राजधानी इंफाल से तब दिखाई देगा, जब चंद्रमा ग्रहण की छाया से करीब करीब मुक्त हो रहा होगा।

यह आंशिक चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार अपरान्ह 11:32 बजे उपछाया का ग्रहण शुरू हो जाएगा, जबकि छाया वाला ग्रहण 12:49 बजे शुरू होगा। 2:33 बजे ग्रहण चरम पर होगा। इस दौरान चंद्रमा का 98 फीसद भाग ग्रहण से ढक जाएगा। इसके बाद ग्रहण छंटना शुरू हो जाएगा। शाम 4:17 बजे छाया वाला ग्रहण मुक्त हो जाएगा। इसके बाद शाम 5:34 बजे ग्रहण पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा। यह ग्रहण कुल 6:02 घंटे का होगा। काफी लंबे समय तक होने के कारण इसे दुर्लभ ग्रहण माना जा रहा है।

चंद्रमा व पृथ्वी की दूरी के कारण कम व अधिक होती है ग्रहण की अवधि

डॉ शषिभूषण पांडेय के अनुसार चंद्रमा से धरती की दुरी के अनुसार ही ग्रहण की अवधि कम व अधिक होती है। साथ ही चंद्रमा की गति भी ग्रहण की अवधि निर्भर करती है। यह सामान्य खगोलीय घटना है। चंद्रग्रहण के ठीक 15 दिन बाद सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। सूर्यग्रहण भी आंशिक होगा। यह ग्रहण भी भारत से नहीं देखा जा सकेगा।

पतली लकीर ही नजर आएगी ग्रहण की

चंद्रग्रहण इंफाल से एक पतली लकीर के रूप में ही देखा जा सकेगा। इसके अलावा उपछाया वाला चंद्रग्रहण भारत के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा। मगर इसकी पहचान कर पाना संभव नही होगा। क्योंकि उपछाया वाले ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर हल्की छाया पड़ती है। जिसे छाया के रूप में पहचान पाना आसान नही होता।

chat bot
आपका साथी