इस बार पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार का शुभ संयोग, फिर अगले साल बनेगा यह योग

ष्ठ महीने की पूर्णिमा इस बार गुरुवार 24 जून को है। इस दिन भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। आज के दिन किए दान व उपवास का अक्षय फल मिलता है। चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:06 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:06 AM (IST)
इस बार पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार का शुभ संयोग, फिर अगले साल बनेगा यह योग
इस बार पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार का शुभ संयोग, फिर अगले साल बनेगा यह योग

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा इस बार गुरुवार 24 जून को है। इस दिन भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। आज के दिन किए दान व उपवास का अक्षय फल मिलता है। चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार का शुभ संयोग रहेगा। इसके बाद ऐसा संयोग अगले साल आएगा। गुरुवार व पूर्णिमा तिथि से बनने वाले शुभ संयोग में किए कामों से सुख, समृद्धि व सौभाग्य में वृद्धि होती है। इससे पहले जनवरी में गुरुवार को पूर्णिमा का योग योग बना था। स्कंद पुराण और भविष्यपुराण में ज्येष्ठ पूर्णिमा का उल्लेख मिलता है।

निखर जाता है चंद्रमा की सौंदर्य

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सूर्य व चंद्रमा के बीच 169 से 180 डिग्री का अंतर होता है। जिससे दोनों ग्रह एक दूसरे के सामने होते हैं। पूॢणमा के स्वामी खुद चंद्रमा हैं। पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण रहता है। इस कारण इस दिन औषधियों का सेवन करने से उम्र बढ़ती है। इस योग में किए कामों में सफलता मिलती है।

तीर्थ स्नान व पितृ पूजन का विधान

शास्त्रों में ज्येष्ठ पूर्णिमा का बहुत खास बताया गया है। इस पूॢणमा पर ही संत कबीरदास जयंती मनाई जाती है। इस दिन गंगा स्नान कर भगवान विष्णु व सूर्य की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। सौभाग्य व समृद्धि के लिए वट पूजा और सावित्री व्रत किया जाता है। ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा पर पितरों की विशेष पूजा व ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है। इससे पितृ तृप्त होते हैं।

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