उत्तराखंड के पिथौरागढ़ मूल के जस्टिस पंत बने NHRC के अध्यक्ष

न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चन्द्र पंत को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति पंत आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त हुए थे। पंत उत्तराखंड के पहले विधि एवं न्याय सचिव रह चुके हैं। 13 अगस्त 2014 से 29 अगस्त 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 08:40 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 08:40 AM (IST)
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ मूल के जस्टिस पंत बने NHRC के अध्यक्ष
पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी पंत का जन्म 30 अगस्त 1952 को हुआ था।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। न्यायिक क्षेत्र में उत्तराखंड मूल की शख्सियत का देश में एक बार फिर डंका बजा है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य उत्तराखंड मूल के न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चन्द्र पंत को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति पंत आयोग के  सदस्य के रूप में 22 अप्रैल 2019 को नियुक्त हुए थे। पंत उत्तराखंड के पहले विधि एवं न्याय सचिव रह चुके हैं। जबकि 13 अगस्त 2014 से 29 अगस्त 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं।

पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी पंत का जन्म 30 अगस्त 1952 को हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की, फिर लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। न्यायमूर्ति पंत ने 1973 में बार काउंसिल इलाहाबाद में और इलाहाबाद में उच्च न्यायालय में प्रेक्टिस शुरू की। फरवरी 1976 से नवंबर 1976 तक उन्होंने सगौर में इंस्पेक्टर सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम्स, एमपी और उत्तर प्रदेश सिविल (न्यायिक) सेवा परीक्षा, 1973 के माध्यम से उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। 1990 में उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा में पदोन्नत किया गया। हाईकोर्ट नैनीताल के रजिस्ट्रार जनरल भी बने तथा जिला और सत्र न्यायाधीश नैनीताल भी रहे।

न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चन्द्र पंत ने  29 जून 2004 को नैनीताल हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश पद की शपथ ली। 19 फरवरी 2008 को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 20 सितंबर, 2013 को मेघालय के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद का कार्यभार संभाला। 13 अगस्त, 2014 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ ली और 29 अगस्त 2017 तक रहे। 

न्यायमूर्ति पंत उत्तराखंड मूल की पहली शख्सियत हैं, जो जिला कोर्ट के न्यायाधीश से लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आदि अहम पदों पर रहे। उत्तराखंड मूल के न्यायमूर्ति बीसी कांडपाल को हाई कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे। राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस वीके बिष्ट भी उत्तराखंड मूल के ही हैं। पूर्वोत्तर राज्य असम के मुख्य न्यायाधीश पद पर उत्तराखंड मूल के न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया सेवारत हैं। जस्टिस पंत की एनएचआरसी के चेयरमैन पद पर नियुक्ति से उत्तराखंड के न्यायिक व अधिवक्ता जगत में हर्ष व्याप्त है।

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