बीज बम से संवार रहे पर्यावरण, पशु-पक्षियों को दे रहे दाना

विकासखंड रामगढ़ के भियालगांव का 21 वर्षीय युवा जगदीश चंद्र इन दिनों गांव में बीज बम बना रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 05:37 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 06:09 AM (IST)
बीज बम से संवार रहे पर्यावरण, पशु-पक्षियों को दे रहे दाना
बीज बम से संवार रहे पर्यावरण, पशु-पक्षियों को दे रहे दाना

विनोद कुमार, भवाली : विकासखंड रामगढ़ के भियालगांव का 21 वर्षीय युवा जगदीश चंद्र इन दिनों गांव में बीज बम तैयार कर रहा है, जिसके लिए उसने गांव के कुछ युवाओं को भी अपने साथ जोड़ा है। बीज बम बनाने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ ही जंगली पशु व पक्षियों को जंगल में ही खाना उपलब्ध कराना है, ताकि उनसे किसानों की फसलों को होने वाला नुकसान कम किया जा सके।

जगदीश चंद्र उर्फ जीतू ने बताया कि वह पंजाब में तकनीकी शिक्षा ले रहे थे। कोरोना महामारी में गांव आने के बाद पशु, पक्षियों व प्रकृति को बचाने के लिए बीज बम बनाने का ख्याल आया। क्योंकि इससे पर्यावरण का संरक्षण भी होगा और यदि जंगली जानवरों व पक्षियों को जंगलों में खाना मिलेगा तो वह किसानों की फसलों की ओर नहीं आएंगे। इस कार्य के लिए उन्होंने गांव के युवा प्रमोद कुमार, विजय, योगेश, गुड्डू, कन्नू, दीपू के साथ मिलकर टीम बनाई और बीज बम बनाने में जुट गए। इसके लिए लौकी, कद्दू, ककड़ी, मक्का, राजमा, मडुआ, झुंगर आदि के बीज ग्रामीणों से लिए फिर मिट्टी व गोबर की मदद से बीज बम तैयार किया। जीतू ने बताया कि अबतक 3000 बीज बम जंगलों में लगाए भी जा चुके हैं, जो अब अंकुरित होने लगे हैं। इससे वह काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि उनका और अधिक बीज बम बनाने का लक्ष्य है, जिसे वह विभिन्न ग्रामों को सौपेंगे। यह बीज बम जंगलों के नमी वाले इलाकों में भी फेंक सकते हैं। बारिश होने पर गोला गल जाता है और बीज अंकुरित हो उठता है। उनके इस कार्य की पूर्व जिला पंचायत सदस्य गणेश आर्य ने भी सराहना की है। ऐसे बनाया बीज बम

जीतू ने बताया कि बीज बम बनाने के लिए मिट्टी व गोबर की खाद में पानी डालकर छोटा सा गोला बनाया जाता है। उसके अंदर दो बीज रख दिए जाते हैं। इसके बाद उसे सूखने के लिए छोड़ देते हैं। सूखने के बाद बीज बम बनकर तैयार हो जाता है। जंगलों में ऐसे लगाए गए बीज बम

जीतू ने बताया कि बीज बम के एक या दो गोले जंगलों में पेड़ की जड़ों के पास रख दिया गया था। संकेत के लिए पेड़ में धागा भी बांध दिया गया था, जिससे जगह की पहचान की जा सके। अब सैकड़ों बीज बमों में से बीज अंकुरित होने लगे हैं। युवाओं की पर्यावरण संरक्षण की यह अनोखी पहल सराहनीय व प्रेरणा दायक है। इस अभियान में युवाओं को प्रोत्साहन की काफी आवश्यकता है। वन विभाग व संबंधित क्षेत्र में काम करने वाली एनजीओ से युवाओं को सहयोग करें।

-गणेश आर्य, पूर्व जिला पंचायत सदस्य

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