जापानी क्वींस को रास आया भीमताल का वातावरण, देश में पहली बार खिले इसके फूल, जानें खासियतें
Japanese Queens जापान में प्रसिद्ध एक पौधे से बनने वाले अचार जैम व चटनी का मजा अब शीघ्र ही उत्तराखंड के लोग भी ले सकेंगे। इस पौधे को जापानी क्वींस नाम से जाना जाता है। जिसको भीमताल का वातावरण रास आ गया है।
भीमताल, जागरण संवाददाता : जापान में प्रसिद्ध एक पौधे से बनने वाले अचार, जैम व चटनी का मजा अब शीघ्र ही उत्तराखंड के लोग भी ले सकेंगे। इस पौधे को जापानी क्वींस नाम से जाना जाता है। जिसको भीमताल का वातावरण रास आ गया है। यहां पौधशाला में इसके फूल खिले हुए हैं। शीघ्र ही इसमें फल आने की तैयारी हैं। प्रयोग सफल होता है तो एक शानदार उपलब्धि होगी।
जापानी क्वींस जिसको क्वींस काइमोमिलिस पौधे के नाम से भी जाना जाता है, विटामिन सी से भरपूर इसका फल स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है। इसकी आचार, चटनी और जैम'-जैली, स्क्वेश आदि पूरे दुनिया में प्रसिद्ध हैं। औमतौर पर इसके फल को सीधे नहीं खाया जाता है। फूल विशेषज्ञ डॉ अखिलेश त्यागी बताते हैं कि इस पौधे में बसंत में फूल आते हैं और शरद में इसके फल पकते हैं। इन दिनों जनवरी में इसमें फूल खिले हुए हैं।
क्वींस का उत्पादन भारत में कहीं नहीं होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि भारत में यदि भविष्य में न्यूट्रसल गार्डन को विकसित करने की योजना बनती है, तो इसके लिए यह पौधा एक अच्छा उदाहरण हो सकता है। यदि पुष्प प्रेमियों को यह पौध भा गई तो भीमताल वासी समेत अनेक क्षेत्र के लोग जापानी पौध की चटनी का जायका ले सकते हैं। अब तक जापानी क्वींस के फल से निर्मित होने वाली चटनी किसी भी ब्रांड से देश में उपलब्ध नहीं है।
भूस्खलन रोकने में भी होगा कारगर
फूल विशेषज्ञ डॉ अखिलेश त्यागी बताते हैं कि जापानी क्वींस के पौधे को यदि भूस्खलन के क्षेत्र में रोपित किया जाए तो क्षेत्र को भूस्खलन से निजात मिल सकती है। इस पौधे की जड़ें काफी कम समय में अधिक क्षेत्र में फैल जाती हैं और मिट्टी को बांध लेती हैं।
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