महापंचायत कर ग्रामीणों की राय जानेगी जमरानी संघर्ष समिति, डूब क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्या का मामला
महापंचायत में हर गांव से एक तेजतर्रार प्रतिनिधि का चयन भी किया जाएगा जो ग्रामीणों की मांगों को पुरजोर तरीके से प्रशासन और सरकार के समक्ष उठा सके। जमरानी बांध बनने पर डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण पुनर्वास को लेकर चिंतित हैं।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : ऊधम सिंह नगर में पुनर्वास को लेकर जमरानी बांध डूब क्षेत्र के ग्रामीणों की राय और समस्याओं को जानने के लिए संघर्ष समिति ने महापंचायत करने का निर्णय लिया है। इस महापंचायत में हर गांव से एक तेजतर्रार प्रतिनिधि का चयन भी किया जाएगा, जो ग्रामीणों की मांगों को पुरजोर तरीके से प्रशासन और सरकार के समक्ष उठा सके। जमरानी बांध बनने पर डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण पुनर्वास को लेकर चिंतित हैं। सरकार ने अब उनको पुनर्वासित करने के लिए जमीन भी फाइनल नहीं की है।
हालांकि इनको पुनर्वासित करने के लिए ऊधम सिंह नगर के दियोहरी में 52.85 एकड़, खटीमा तहसील के ग्राम उलाहनी में 120.07 एकड़, सितारगंज तहसील के ग्राम लालरखास, कल्याणपुरी बरा में 247.09 एकड़, लालरपट्टी ग्राम में 37.57 एकड़ में पुर्नवास के लिए कुल 457.58 एकड़ भूमि चयनित कर ली गयी है। इस जमीन को अभी हस्तांतरित नहीं हुआ है। प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक जमरानी बांध बनाने से पहले डूब क्षेत्र में आने वाले 425 परिवार के 821 खातेदारो के परिवारों को पुनर्वासित करना है।
जमरानी बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष नवीन पलड़िया ने बताया कि डूब क्षेत्र के ग्रामीण शुरुआत से ही मुआवजे में पांच एकड़ भूमि, परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी, पुनर्वासित किए जाने वाले स्थान पर चिकित्सा, शिक्षा आदि मूलभूत सुविधाएं देने समेत 12 मांगें उठा रहे हैं। जबकि शासन-प्रशासन लारा एक्ट 2013 के तहत ही प्रभावित लोगों को अधिकतम मुआवजा व सुविधाएं देगा। ऐसे में ग्रामीण उलझन में फंसे हुए हैं। जिन स्थानों पर ग्रामीणों को बसाने की तैयारी चल रही है, उसे अब तक दिखाया तक नहीं किया गया है। जिस सामाजिक परिवेश में ग्रामीण रह रहे हैं, पुनर्वासित होने पर उनको वैसी आबोहवा व सामाजिकह परिवेश मिलेगा या नहीं, इसको लेकर ग्रामीण चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को डूब क्षेत्र के ग्रामीणों की महापंचायत करने का निर्णय लिया गया है। इसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।