हल्द्वानी में लगातार गहरा रहा जलसंकट, जल संस्थान ने शुरू किया आपातकालीन नंबर

गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर से गांव तक जल संकट लगातार बढ़ते जा रहा है। कहीं नलकूप फुंके हैं तो पेयजल लाइन टूटने या लीकेज से पानी बंद है। लोंगो को जल संकट से निजात दिलाने के लिए जल संस्थान ने आपातकालीन नंबर जारी किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:36 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:36 AM (IST)
हल्द्वानी में लगातार गहरा रहा जलसंकट, जल संस्थान ने शुरू किया आपातकालीन नंबर
हल्द्वानी में लगातार गहरा रहा जलसंकट, जल संस्थान ने शुरू किया आपातकालीन नंबर

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : गर्मी बढ़ने के साथ ही शहर से गांव तक जल संकट लगातार बढ़ते जा रहा है। कहीं नलकूप फुंके हैं तो पेयजल लाइन टूटने या लीकेज से पानी बंद है। लोंगो को जल संकट से निजात दिलाने के लिए जल संस्थान ने आपातकालीन नंबर जारी किया है। इसके साथ ही क्षेत्र वार जेई और एई के नम्बर भी सार्वजनिक किए गए हैं। इन नंबरो पर शिकायत कर लोग पेयजल समस्या की शिकायत कर सकते हैं। अफसरों को आने वाली शिकायतों के समाधान और पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।

गैस पाइप लाइन बिछाने की वजह से चोफुला चौराहे पर 12 इंच की मुख्य पेयजल लाइन टूट गई है। 36 घंटे बाद भी इस लाइन की मरम्मत नहीं हो पाई है। जल संस्थान ने शीशमहल स्थित फिल्टर हाउस से ही पानी की आपूर्ति बंद कर दी है। इस लाइन के टूटने से मल्ली बमौरी, बिठौरिया न एक, बिठौरिया न दो, कुसुमखेड़ा, ऊँचापुल, कठघरिया और फतेहपुर तक के 50 हजार लोंगो की जलापूर्ति ठप हो गई है। वहीं बचिनगर, छडायल नायबाद, बिष्ट धड़ा व दमुवा दूँगा समेत शहर से गांव तक के सात नलकूप खराब हैं। इससे भी करीब 35 हजार लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जल संस्थान ने सात विभागीय टैंकरों के साथ ही 22 निजी टैंकर पानी बांटने में लगाये हैं।

जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव ने बताया पेयजल से जुड़ी शिकायत ओर समस्या सुनने के लिए आपातकालीन नंबर 05946- 220776 नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर बैठ जल संस्थान का कर्मचारी तुरंत लोंगों की समस्या को संबंधित अवर अभियंता ओर सहायक अभियंता को बताएगा। इसके साथ ही एक रजिस्टर में भी संबंधित व्यक्ति का नाम , मोबाइल नंबर ओर पता दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही समस्या का समाधान कब हुआ, इसकी जानकारी भी रजिस्टर में दर्ज होगी। समस्या या शिकायत का समाधान होने पर शिकायतकर्ता से इसकी पुष्टि भी कराई जाएगी। इसके साथ ही जल संस्थान के मुख्य कार्यालय और सभी कलेक्शन सेंटरों में क्षेत्रवार जेई और एई की सूची भी लगाई गई है। जिनके नंबरो में फ़ोन कर लोग अपनी शिकायत और समस्या बता सकते हैं।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी