नौ साल पहले गायब हुआ आईटीबीपी जवान दिल्ली में मिला, खुलेंगे कई राज nainital news

फरवरी 2010 में संदिग्ध परिस्थितियों में कानपुर से गायब हुआ आईटीबीपी जवान दिल्ली में मिला है। वह कनाट प्लेस स्थित एक हनुमान मंदिर के पास खड़ा मिला।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 11:50 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 11:50 AM (IST)
नौ साल पहले गायब हुआ आईटीबीपी जवान दिल्ली में मिला, खुलेंगे कई राज  nainital news
नौ साल पहले गायब हुआ आईटीबीपी जवान दिल्ली में मिला, खुलेंगे कई राज nainital news

चम्पावत, जेएनएन : फरवरी 2010 में संदिग्ध परिस्थितियों में कानपुर से गायब हुआ आईटीबीपी जवान दिल्ली में मिला है। वह कनाट प्लेस स्थित एक हनुमान मंदिर के पास खड़ा मिला। उसके अचानक गायब होने के कारणों का पता फिलहाल नहीं लग सका है, लेकिन उसके मिलने की सूचना से गांव और परिजनों में जश्न का माहौल है। नौ साल से पति के इंतजार में पथराईं पत्‍नी की आंखों में खुशी की लहर है।

गृह मंत्रालय तक लगाई थी गुहार

चम्पावत मुख्यालय से सटे डुंगरासेठी गांव निवासी विक्रम सिंह चौधरी 1986 में आईटीबीपी में उपनिरीक्षण पद पर भर्ती हुए थे। नवंबर 2009 में विक्रम एक माह की छुट्टी पर आए। 20 दिसंबर को वह छुट्टी से वापस चले गए। दो फरवरी 2010 को परिजनों को सूचना मिली कि विक्रम कानपुर के बरोरा गुजैनी स्थित आईटीबीपी की 32वीं बटालियन कैंप से संदिग्ध हालात में लापता हो गए हैं। तमाम खोजबीन के बाद भी उनका सुराग नहीं लग पाया था। परिजनों ने एसडीएम से लेकर गृह मंत्रालय तक पत्राचार किया। पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई लेकिन विक्रम का कहीं भी पता नहीं चल पाया।

क्षीण होती जा रही थी लौटने की उम्‍मीद

इधर ज्यों-ज्यों समय बीतता जा रहा था त्यों-त्यों उनके सकुशल लौटने की उम्मीदें भी क्षीण होती चली गई। लेकिन अचानक ही हुआ कि सल्ली-सायली गांव निवासी नाथ सिंह ने तीन-चार दिन पूर्व दिल्ली के कनाट पैलेस स्थित हनुमान मंदिर से खोज निकाला। उसके पूरी तरह स्वस्थ होने की सूचना पर सोमवार को चचेरे दामाद नरेश सिंह, ससुर विक्रम चौधरी दिल्ली पहुंचे। ज्यों ही विक्रम के पता लगने की खबर परिजनों को यहां मिली तो परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। विक्रम बुधवार को घर पहुंचने वाले हैं।

मंजू की भावनाएं व दुआएं पति के साथ रहीं

शादी के पवित्र बंधन में बंधने और सात फेरे लेने के बाद मंजू ने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका पति जीवन में कभी उससे बिछुड़ जाएगा। यह बिछड़ना भले ही नौ साल के लिए हुआ हो लेकिन इस अंतराल में मंजू की भावनाएं और दुआएं अपने पति के साथ रही। पति से बिछड़ने के बाद एक पत्‍‌नी कैसे अपनी भावनाओं नियंत्रित कर पति आने के इंतजार में पलक पावड़े बिछा सकती है इसका उत्कृष्ट उदाहरण मंजू के अलावा और कोई नहीं हो सकता। पति के आने का इंतजार वह हर पल और हर दिन करती रही। अंतत: उसकी आस रविवार को उसे अपने पति के जीवित होने की खबर मिल ही गई।

सांसद प्रतिनिधि सामंत बने थे खेवनहार

विक्रम को ढूंढने में डुंगरासेठी निवासी व सांसद प्रतिनिधि गोविंद सामंत हर पल परिवार के साथ लगे रहे। यही नहीं सामंत ने विक्रम की गुमशुदगी दर्ज कराने के साथ परिवार को कई बार आर्थिक सहायता भी दिलवाई। उनका ही प्रयास रहा कि आइटीबीपी से पत्‍‌नी मंजू को नॉर्मल पेंशन मिलनी शुरू हुई।

विक्रम के दोनों बड़े भाइयों ने निभाई जिम्मेदारी

विक्रम के दोनों बड़े भाई डुंगर सिंह चौधरी 72, नारायण सिंह चौधरी 62 वर्ष आइटीबीपी में इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्त हैं। विक्रम के लापता होने के बाद दोनों भाईयों ने परिवार को टूटने नहीं दिया और विक्रम के चारों बच्चों दो बेटी हेमा, रेखा, बेटे संदीप व प्रदीप का पालन पोषण किया। यही नहीं हेमा, रेखा व संदीप की अच्छी जगह शादी भी करवाई। बच्चों को कभी भी पिता की कमी नहीं खलने दी। अगर विक्रम लापता नहीं होते तो वह भी आज इंस्पेक्टर पद पर पहुंच जाते।

एक साथ तीनों भाईयों की रही पोस्टिंग

विक्रम व उनके दोनों बड़े भाई एक साथ आइटीबीपी में एक स्थान पर पोस्टिंग में रहे। दोनों बड़े भाई डुंगर व नारायण पिता की मृत्यु के समय 19 बटालियन में श्रीनगर में तो वहीं पास में ही 23 बटालियन में विक्रम की तैनाती रही।

लग रहा है जैसे अमावस्या के दिन पूर्णमासी हो

डुंगर बोले अमावस्या के दिन हुई पूर्णमासी विक्रम के पता लगने के बाद बड़े भाई डुंगर ने कहा कि यह सूचना ऐसी लग रही है जैसे अमावस्या के दिन पूर्णमासी हो गई। न तो हमने कभी विक्रम की आस छोड़ी न परिजनों को छोड़ने दी। हमेशा हिम्मत बनाकर रखी। देव डांगरों ने भरोसा दिलाया था विक्रम जहां है सही सलामत है और वह जल्द लौटेगा। यह आत्मविश्वास हमेशा बनाए रखा।

पति के सकुशल लौटने से मन बहुत है खुश

मंजू विक्रम की पत्‍‌नी मंजू ने पति के सकुशल मिलने की सूचना पर बड़े भावुक होकर बोली कि उनका मन अंदर से बहुत खुश है। वह उनके स्वागत की तैयारी कर रही है। उन्हें जो भी खाने पीने में पसंद है उसे बना रही हैं। बच्चे भी पिता के आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बड़े बेटे संदीप से बात की है। वह बुधवार तक घर पहुंच जाएंगे। घर में जश्न की तैयारी कर रहे हैं। यह समय दीपावली पर्व जैसा है।

यह भी पढ़ें : थानेदार ने सिपाही को थाने में ही दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, ऊंगली फ्रैक्‍टर, सिर और शरीर में भी चोटें

यह भी पढ़ें : जमीन के विवाद को लेकर रिटायर्ड महिला मेजर ने कर्नल भाई पर दर्ज कराया मुकदमा

chat bot
आपका साथी