पिथौरागढ़ में प्रस्‍तावित मेडिकल कॉलेज की भूमि को समतल करने में ही लग जाएंगे कई वर्ष

पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज। सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है। लगेगा क्यों नहीं आखिर राज्य भी तो इसी के लिए बनाया था। हमारे बच्चे डाक्टर बनेंगे और हमें अच्छा इलाज अपने ही क्षेत्र में मिल जाएगा। सपने देखते-देखते 20 साल बीत गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:33 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:33 AM (IST)
पिथौरागढ़ में प्रस्‍तावित मेडिकल कॉलेज की भूमि को समतल करने में ही लग जाएंगे कई वर्ष
पिथौरागढ़ में प्रस्‍तावित मेडिकल कॉलेज की भूमि को समतल करने में ही लग जाएंगे कई वर्ष

गणेश जोशी, हल्द्वानी : पिथौरागढ़ में भी मेडिकल कॉलेज। सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है। लगेगा क्यों नहीं, आखिर राज्य भी तो इसी के लिए बनाया था। हमारे बच्चे डाक्टर बनेंगे और हमें अच्छा इलाज अपने ही क्षेत्र में मिल जाएगा। सपने देखते-देखते 20 साल बीत गए हैं। सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ जिले में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं शून्य ही है। पांच साल पहले मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई थी। वर्तमान सरकार ने प्राचार्य तैनात किए। साथ ही 76 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं, मगर दूर-दूर तक कॉलेज खुलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। मेडिकल कॉलेज की घोषणा और हकीकत को उजागर करती रिपोर्ट।

2014 में हुई थी घोषणा

मेडिकल कॉलेज के लिए सबसे पहले वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार ने घोषणा की थी। वर्ष 2017 में चुनाव से ठीक पहले सीएम रहते हुए हरीश रावत ने शिलान्यास भी कर दिया था। यह 25 एकड़ की भूमि शहर से आठ किलोमीटर दूर चंडाक मोस्टामानू में है। इससे पहले भाजपा सरकार ने इस भूमि में बेस अस्पताल बनाने के लिए प्रस्तावित किया था।

कार्यदायी संस्था तय, नहीं शुरू हुआ काम

मेडिकल कॉलेज के लिए 455 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है। इसमें 90 प्रतिशत धनराशि केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार को खर्च करनी है। मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए एनपीसीसी को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। 76 करोड़ रुपये जारी भी हो चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।

प्राचार्य नियुक्त, कार्यालय तक नहीं

राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए एक साल पहले प्राचार्य भी तैनात कर दिए गए थे। दुर्भाग्य है कि अभी तक उनके लिए कहीं कार्यालय तक नहीं है। वह जैसे-तैसे काम निपटाने में जुटे हैं।

भूमि को ही समतल करने में लगेंगे कई वर्ष

पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित भूमि ऐसी जगह है कि उसे समतल करने में ही कई वर्ष लग जाएंगे। इसके अलावा फैकल्टी से लेकर भवन कब तक बनेगा? फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

हल्द्वानी पहुंचते ही दम तोड़ देते हैं मरीज

उदाहरण एक नहीं, हर दिन मिल जाएंगे। जब पिथौरागढ़ से मरीज को 250 किलोमीटर दूर हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया जाता है और मरीज हल्द्वानी के किसी अस्पताल में पहुंचता, उससे पहले ही दम तोड़ चुका होता है। मार्च में मुनस्यारी में बीमार हुए कोलकाता निवासी पर्यटक पिथौरागढ़ तक नहीं पहुंच सका था। अगस्त में ही दन्यां की प्रसूता ने दम तोड़ दिया था। सितंबर में प्रसव के लिए रेफर की गई गर्भवती नहीं बच सकी थी। सीमांत क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की यह स्थिति आम है। ये हैं 100 एमबीबीएस की सीटों के लिए एनएमसी के मानक

कम से कम 52 डाक्टर अस्पताल में सभी सुविधाएं अस्पताल में 450 से अधिक की ओपीडी डाक्टरों के लिए टाइप टू श्रेणी के आवास छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल लाइब्रेरी समेत अन्य सुविधाएं पैरामेडिकल व नॉन टीचिंग स्टाफ पैथोलॉजी, माइक्रोबायलॉजी, फॉरेसिंक लैब

ये है स्थिति

70 करोड़ रुपये हुए जारी

25 एकड़ की भूमि चयनित

455 करोड़ रुपये की है परियोजना

90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य को करना है खर्च

76 करोड़ रुपये हुए हैं केंद्र से जारी

जल्‍द शुरू होगा निर्माण कार्य

राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के प्राचार्य डा. अरविंद बरौनिया ने बताया कि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए शासन से चयनित एजेंसी एनसीपीपी से कार्य के संबंध में चर्चा होती रहती है, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर किए जाने वाले कार्यों को लेकर विचार विमर्श किया जाता है। धनराशि स्वीकृत होने से अब मेडिकल कालेज का कार्य प्रारंभ होने के आसार हैं।

76 करोड़ की धनराशि अवमुक्त : विधायक

विधायक पिथौरागढ़ चंद्रा प्रकाश पंत का कहना है कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए प्रथम किस्त के रूप में 76 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। इसके लिए जिलाधिकारी के साथ बीते दिनों चर्चा भी हुई। जल्दी ही निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज निर्माण का कार्य तेजी के साथ किया जाएगा।

प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर गंभीर

पेयजल मंत्री व विधायक डीडीहाट विशन सिंह चुफाल ने बताया कि प्रदेश सरकार पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए गंभीर है। प्रथम किस्त की धनराशि स्वीकृत होने के बाद अवमुक्त कर दी गई है। निर्माण के लिए प्रशासन को जल्द कार्यवाही के लिए कहा गया है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज जल्द ही अस्तित्व में आ जाएगा। धन की कमी नहीं रहेगी।

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