Uttarakhand Weather News Update : उत्तराखंड में इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड, नवंबर में ही तीन डिग्री पहुंच सकता है तराई का पारा

Kumaon Weather News Update ला नीना के प्रभाव से उत्तराखंड में इस बार कड़ाके की ठंड पडऩे की संभावना है। नवंबर के साथ ठंड की शुरुआत हो चुकी है। कुमाऊं के कई स्थानों पर तापमान सामान्य से नीचे पहुंच गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 06:57 AM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 09:56 AM (IST)
Uttarakhand Weather News Update : उत्तराखंड में इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड, नवंबर में ही तीन डिग्री पहुंच सकता है तराई का पारा
Uttarakhand Weather News Update : उत्तराखंड में इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड

गणेश पांडे, हल्द्वानी : Uttarakhand Weather News Update : ला नीना के प्रभाव से उत्तराखंड में इस बार कड़ाके की ठंड पडऩे की संभावना है। नवंबर के साथ ठंड की शुरुआत हो चुकी है। कुमाऊं के कई स्थानों पर तापमान सामान्य से नीचे पहुंच गया है। ऐसे में 15 फरवरी तक चलने वाले शीत काल में ठंड कंपकंपी छुड़ा सकती है।

ठंड के लिए बनी मौसमी परिस्थितियों की वजह से तापमान में गिरावट आ रही है। पंतनगर में अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री व न्यूनतम दो डिग्री कम बना हुआ है। पंतनगर में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री व मुक्तेश्वर में 5.3 डिग्री पहुंचने लगा है। मुक्तेश्वर का पारा सामान्य से दो डिग्री कम बना हुआ है। चम्पावत, लोहाघाट व अल्मोड़ा में रात का तापमान तीन से चार डिग्री के बीच बना हुआ है। पिछले दस वर्षों में नवंबर में पंतनगर का पारा तीन डिग्री तक नहीं पहुंचा है।

मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि इस बार पारा तीन डिग्री तक पहुंच सकता है। नवंबर में सबसे कम 3.0 डिग्री तापमान 1985 में गया है। मुक्तेश्वर में सर्वाधिक ठंड 23 नवंबर, 1992 को माइनस 2.3 डिग्री रही थी। ऐसे में ला नीना व कुछ अन्य प्रभावों की वजह से इस बार ठंड अधिक पड़ेगी। सर्दी लंबी नहीं होगी, लेकिन कड़ाके की सर्दी वाले दिनों की संख्या बढ़ सकती है।

ठंड बढऩे के ये भी प्रमुख कारण

ठंड के लिए जरूरी फैक्टर पश्चिमी विक्षोभ जल्दी आने लगे। हवा का रुख दक्षिण-पूर्वी से बदलकर उत्तरी, उत्तर-पूर्वी हो गया। नमी का स्तर धीरे-धीरे कम होकर 45 प्रतिशत तक पहुंच जाना। पिथौरागढ़, बागेश्वर के ऊंचे इलाकों में हिमपात होना।

प्रमुख स्थलों का न्यूनतम पारा (डिग्री सेल्सियस)

मुक्तेश्वर        5.3

नैनीताल       7.5

अल्मोड़ा       4.1

लोहाघाट      3.5

चम्पावत       3.9

पिथौरागढ़     9.0

बागेश्वर         9.8

हल्द्वानी        15.6

पंतनगर       11.0

यह है ला नीना व अल नीनो

दोनों शब्दों का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में होने वाले बदलाव से है। ये बदलाव मौसम पर प्रभाव डालते हैं। अल नीनो के प्रभाव से तापमान गर्म हो जाता है और ला नीना की वजह से ठंडा। जीबी पंत कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह बताते हैं कि ला नीना अपनी गति के साथ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की दिशा बदल सकती है। इससे उत्तर भारत में भयंकर ठंड पड़ती है। आस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशिया में ज्यादा नमी वाली स्थिति पैदा होती है। इंडोनेसिया व उसके आसपास भारी बारिश देखने को मिलती है।

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