पिथौरागढ़ में गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने में लगे दस घंटे, डीएम के आदेश के बाद भी नहीं मिली मदद

108 एंबुलेंस महिला को वाहन में शिफ्ट कर पिथौरागढ़ को रवाना हुआ और सुबह दस बजे महिला को जिला महिला अस्पताल पहुंचाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में डीएम के आदेश के बाद भी न तो प्रशासन और नहीं चिकित्सा विभाग का कोई सहयोग मिला।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:01 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:01 PM (IST)
पिथौरागढ़ में गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने में लगे दस घंटे, डीएम के आदेश के बाद भी नहीं मिली मदद
108 के प्रभारी परम पंत ने सूचना आपदा प्रबंधन विभाग को दी, एक घंटे बाद भी कोई सहायता नहीं मिली।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : मौसम की मार से एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अठावन किमी दूर जिला अस्पताल पहुंचाने में दस घंटे का समय लग गया। मामला तेजम क्षेत्र के चेटाबगड़ का है। एक गर्भवती महिला प्रियंका पत्नी कमल सिंह को सोमवार की रात्रि को प्रसव पीड़ा हो गई।  भारी बारिश के बीच स्वजन उसे 108 वाहन से निकट के स्वास्थ्य केंद्र गोचर लाए। जहां से महिला को पिथौरागढ़ जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया । जहां पर इस मामले को जटिल प्रसव बताया गया। 108 एंबुलेंस महिला को लेकर आगे बढ़ी, भारी बारिश और मार्ग खराब होने से जैसे तैसे 15 किमी दूर लेेकघाटी पहुंंची। जहां पर मार्ग में भारी बोल्डर गिरे थे।

108 के प्रभारी परम पंत ने इसकी सूचना आपदा प्रबंधन विभाग को दी परंतु एक घंटे बाद भी कोई सहायता नहीं मिली। रात्रि तीन बजे फिर जिला मुख्यालय से एक एंबुलेंस लेकघाटी को भेजा। रास्ते में जगह -जगह आए मलबा और पत्थरों को हटा कर  बुंगाछीना के पास एक नाले के मार्ग पर आने से कीचड़ बना था और एंबुलेंस उसमें फंस गई। सूचना मिलने पर 108 के प्रभारी परम पंत कुदाल, बेलचे, फावडे लेकर रवाना हुए। सुबह पांच बजे मौके पर पहुंचे। 

एंबुलेंस कर्मियों ने खुद मार्ग खोलने का प्रयास किया परंतु सफल नहीं हुए फिर से आपदा प्रबंधन विभाग को फोन किया गया। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते मार्ग खोलने के निर्देश दिए और महिला की मदद के लिए एक मेडिकल टीम मौके केा रवाना करने के आदेश दिए। सुबह छह बजे तक कोई मदद नहीं आई तो 108 कर्मियों ने पीछे से आ रही रोडवेज बस के यात्रियों के साथ मिल कर एंबुलेंस निकालने के लिए मदद मांगी। यात्रियों से  सहयोग से एंबुलेंस को निकाल कर आगे  को रवाना हुए। जब एंबुलेंस सिल के पास पहुंची तब तक महिला के स्वजन उसे एक वाहन हायर कर  महिला को लेकर वहां तक पहुंंच गए।

पिथौरागढ़ से गया 108 एंबुलेंस महिला को वाहन में शिफ्ट कर पिथौरागढ़ को  रवाना हुआ और सुबह दस बजे महिला को जिला महिला अस्पताल पहुंचाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में डीएम के आदेश के बाद भी न तो प्रशासन और नहीं चिकित्सा विभाग का कोई सहयोग मिला। यदि 108 कर्मी सारी रात प्रयास नहीं करते तो महिला की जान बचानी मुश्किल हो जाती। महिला रात भर तड़पती रही। 108 कर्मियों ने उसे सुरक्षित अस्पताल पहुंचा दिया। इस प्रकरण के बाद जिला आपदा प्रबंधन और आपदा में फंसे लोगों को निकालने के प्रशासन के प्रयास के दावों की पोल खुल चुकी है।

chat bot
आपका साथी