आपदा के कारण टूटीं सिंचाई नहरें, काश्तकारों को झेलनी होगी मुसीबत

बारिश की वजह से नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। पहाड़ पर मकान व दुकानों के धराशाही होने के साथ जनहानि भी हुई। गौलापार क्षेत्र की मुख्य सप्लाई सिंचाई नहर के अलावा गांवों में निकलने वाली नहरें व गूलें टूटने से काश्तकारों के सामने संकट खड़ा हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:48 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:48 AM (IST)
आपदा के कारण टूटीं सिंचाई नहरें, काश्तकारों को झेलनी होगी मुसीबत
आपदा के कारण टूटीं सिंचाई नहरें, काश्तकारों को झेलनी होगी मुसीबत

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : दो दिन की बारिश की वजह से नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। पहाड़ पर मकान व दुकानों के धराशाही होने के साथ जनहानि भी हुई। वहीं, हल्द्वानी की कृषि पट्टी कहे जाने वाले गौलापार क्षेत्र की मुख्य सप्लाई सिंचाई नहर के अलावा गांवों में निकलने वाली नहरें व गूलें टूटने से काश्तकारों के समक्ष एक और संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गेहूं की बुआई का समय नजदीक आ रहा है। ऐसे में जल्द सिंचाई नहरों को दुरुस्त नहीं किया गया तो डबल मांर झेलनी पड़ेगी। क्योंकि, बारिश की वजह से अधिकांश जगह धान की फसल बर्बाद हो गई। इसलिए प्रशासन को बजट आवंटन कर जल्द नहरों की मरम्मत करनी चाहिए।

18 और 19 अक्टूबर को पहाड़ से लेकर मैदानी क्षेत्र में बादल जमकर बरसे। जिस वजह से आपदा की स्थिति पैदा हो गई। सड़कों से लेकर पुल तक बह गए। ऊधमसिंह नगर में अधिकांश किसानों की फसल बर्बाद हुई तो हल्द्वानी में गौलापार, चोरगलिया, लामाचौड़ क्षेत्र, रामपुर रोड व बरेली रोड में खेती वाले इलाकों में लोगों की धान की फसल बारिश की भेंट चढ़ गई। वहीं, काश्तकारों का कहना है कि सिंचाई विभाग अक्सर बजट की तंगी का बहाना बनाता है। इसलिए आपदा मद के बजट से नहरों को ठीक करने का काम होना चाहिए। जल्द गौलापार व चोरगलिया के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण इस मामले को लेकर डीएम से मुलाकात भी करेंगे।

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