गौलापार के 11 गांवों को पानी देने वाली सिंचाई नहर जगह-जगह टूटी, कैसे हो राेपाई

सिंचाई विभाग की लापरवाही से परेशान गौलापार के जनप्रतिनिधियों ने मंगलवार को एसडीएम से मुलाकात कर सिंचाई का संकट दूर करने की मांग की। कहा कि मौजूदा समय धान लगाने का है। लगातार बारिश नहीं होने की वजह से नहरों का सहारा था।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 08:31 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 08:31 AM (IST)
गौलापार के 11 गांवों को पानी देने वाली सिंचाई नहर जगह-जगह टूटी, कैसे हो राेपाई
गौलापार के 11 गांवों को पानी देने वाली सिंचाई नहर जगह-जगह टूटी, कैसे हो राेपाई

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : सिंचाई विभाग की लापरवाही से परेशान गौलापार के जनप्रतिनिधियों ने मंगलवार को एसडीएम से मुलाकात कर सिंचाई का संकट दूर करने की मांग की। कहा कि मौजूदा समय धान लगाने का है। लगातार बारिश नहीं होने की वजह से नहरों का सहारा था। लेकिन गौलापार की 11 ग्रामसभाओं को पानी देने वाली एकमात्र सिंचाई नहर जगह-जगह टूटने से खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, बैराज में पानी की पूरी मात्रा होने के बावजूद पानी नहीं छोड़ा जा रहा। जिस वजह से कृषि पट्टी के लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है।

ग्राम प्रधान बसंतपुर किशोर सिंह चुफाल संग एसडीएम कोर्ट पहुंचे ग्रामीणों ने एसडीएम विवेक राय से कहा कि बेरिघाट बरसाती नाले के आठ नंबर ब्लॉक की सफाई करने के साथ पानी को गांव-गांव पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए। पूर्व बीडीसी मेंबर अर्जुन बिष्ट ने कहा कि रोंपाई के पानी की निकासी के लिए शिवालम कुंवरपुर स्थित पनचक्की में गेट बनाने की जरूरत है। जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से कहा कि संबंधित विभाग के अफसरों संग स्थलीय निरीक्षण कर समस्या पता करनी चाहिए। ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह चुफाल, ग्राम प्रधान विनीता नौला, प्रकाश पांडे, नीरज रैक्वाल आदि शामिल थे।

ग्राम प्रधान उमा रैक्वाल ने बताया कि कृषि पट्टी गौलाापार के लोग सिंचाई विभाग के रवैये से परेशान हो चुके हैं। बार-बार कहने के बावजूद अफसर ग्रामीणों की दिक्कत समझने को तैयार नहीं है। ग्राम प्रधान लीला बिष्ट का कहना है कि दस साल पहले टूटी गुलें और नहर आज भी जस की तस है। विकासखंड की बैठक में भी मामले को उठाया गया था। ऐसी स्थिति में खेती कैसे होगी।

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