मनरेगा लोकपाल को पिलखी गांव में सत्यापन के दौरन मिलीं अनियमितताएं
लोकपाल विनीता ने गांव में मनरेगा के तहत हुए कार्यो का स्थलीय सत्यापन किया। जिसमें पता चला कि दलीप राम की सहमति के बिना उनके नाम की दीवार कहीं अन्यत्र बना दी गई है। सुरक्षा दीवार के नाम पर आंगन में बैठने की रैलिंग बना दी गई हैं।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पिलखी गांव में लोकपाल के स्थलीय सत्यापन में कई अनियमितताएं पाई गई हैं। लोकपाल ने उच्च अधिकारियाें से शिकायत कर मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा एक ग्रामीण के जॉब कार्ड के आधार पर पोस्टआफिस से फर्जी हस्ताक्षर कर धनराशि आहरित कर देने के मामले को मनरेगा लोकपाल ने निरस्त कर दिया है।
लोकपाल विनीता ने गांव में मनरेगा के तहत हुए कार्यो का स्थलीय सत्यापन किया। जिसमें पता चला कि दलीप राम की सहमति के बिना उनके नाम की दीवार कहीं अन्यत्र बना दी गई है। गांव में सुरक्षा दीवार के नाम पर घर के आंगन में बैठने की रैलिंग बना दी गई हैं। उन्होंने ग्राम विकास अधिकारी, मनरेगा के अवर अभियंता और रोजगार सहायकों को निर्देशित किया कि इस तरह की गड़बडिय़ों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
वहीं, गांव के दीपक चंद्र ने शिकायत की थी कि उसके मनरेगा जॉब कार्ड के आधार पर उसके खाते से धनराशि आहरित की गई है, इसके लिए उसके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। जिस अवधि का भुगतान किया गया है उस अवधि में उसने मनरेगा के तहत कोई काम ही नहीं किया। इस शिकायत पर गांव पहुंची मनरेगा लोकपाल विनीता कलौनी ने गांव में सुनवाई की। सुनवाई में पोस्टमास्टर दरवान सिंह ने बताया कि दीपक चंद्र हर साल अवकाश में घर आता था और अपने खाते से धनराशि निकालता था। रिकार्ड की जांच में यह तथ्य सामने आया कि 2009 में दीपक कुमार ने चैकवाल का कार्य किया, जिसका भुगतान उसे किया गया। 2012 से 2015 के बीच उसने अपने खाते से धनराशि का आहरण किया। इस बात पर शिकायकर्ता कोई और तथ्य प्रस्तुत नहीं कर सका। दीपक चंद्र आरोप साबित नहीं कर सका, जिस पर इसे निरस्त कर दिया गया।
इधर, दीपक चंद्र ने फिर कहा है कि उसके फर्जी हस्ताक्षरों से धनराशि निकाली गई है। उसने अब जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। उसने कहा कि उसने अवकाश पर आकर धनराशि निकाली है तो फिर उसकी जगह पर कार्य किसने किया।