काली नदी में नेपाली ग्रामीण के बहने के मामले की नेपाल में जांच शुरू

भारत आ रहे नेपाली युवक के काली नदी में बहने का मामला नेपाल में तूल पकड़ चुका है। नेपाल सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच टीम ने बुधवार से दार्चुला में इस मामले में जांच प्रारंभ कर दी है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:21 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:21 PM (IST)
काली नदी में नेपाली ग्रामीण के बहने के मामले की नेपाल में जांच शुरू
नेपाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की।

संवाद सूत्र, धारचूला (पिथौरागढ़) : तीस जुलाई को गस्कू के पास तार लगाकर भारत आ रहे नेपाली युवक के काली नदी में बहने का मामला नेपाल में तूल पकड़ चुका है। नेपाल सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच टीम ने बुधवार से दार्चुला में इस मामले में जांच प्रारंभ कर दी है। पहले दिन माल (राप्ला) के ग्रामीणों और मीडिया कर्मियों से वार्तालाप किया गया।

तीस जुलाई की सुबह नेपाल से कुछ लोग भारत के गस्कू के सामने काली नदी पर अवैध ढंग से तार लगा कर भारत आए। भारत आते समय एक ग्रामीण तार फेंकते समय तार से उलझ कर काली नदी में बह गया। इंटरनेट मीडिया में इस हादसे के लिए भारत की एसएसबी को जिम्मेदार ठहराते हुए भारत और एसएसबी के खिलाफ माहौल बनाया गया। घटना के बाद एमाले की विद्यार्थी संगठन ने नेपाल के दार्चुला में जुलूस निकाला और भारत नेपाल को जोडऩे वाले पुल के पास भारत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस मामले में एसएसबी ने नेपाल की मीडिया और संगठनों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का खंडन किया। यह मामला नेपाल की संसद तक पहुंच गया।

नेपाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी में गृह मंत्रालय के सहायक सचिव जनार्दन गौतम, नेपाल प्रहरी के उप महानिरीक्षक पुरुषोत्त्तम कंडेल, राष्ट्रीय अनुसंधान विभाग के निदेशक हुतराज थापा, नेपाल सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधीक्षक सुरेश कुमार श्रेष्ठ शामिल किए। जांच दल मंगलवार की सायं दार्चुला पहुंचा। बुधवार सुबह से मामले की जांच प्रारंभ की गई।

नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह जांच दल और सहायक जिलाधिकारी ज्योत्सना भट्ट ने जिला प्रशासन कार्यालय में माल (राप्ला) गांव के निवासियों से पूछताछ की । लगभग ढाई घंटे तक पूछताछ के बाद जांच दल ने मध्याह्न साढ़े बारह बजे से एक बजकर 15 मिनट तक मीडिया कर्मियों से बात की। सूत्रों के अनुसार दार्चुला के एक समाचार पत्र के संपादक ने इस घटना के लिए एसएसबी पर आरोप लगाए। वार्तालाप के दौरान बताया गया कि पांगला में तैनात एसएसबी कर्मियों का तबादला कर दिया गया है। माल वासियों को एसएसबी से खतरा होने तक की बात कहते हुए एसएसबी पर कार्रवाई की मांग की गई। बाद में व्यास गांव पालिका के वार्ड अध्यक्षों व दार्चुला के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से जांच कमेटी वार्तालाप कर रही है।

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