इंटरनेट और मोबाइल फोन बन रहा पति-पत्नी का दुश्मन, जानिए वजह
इंटरनेट और मोबाइल फोन जहां रिश्तों को जोड़े रखता है तो वहीं अब इसका ज्यादा इस्तेमाल पति और पत्नी के बीच दूरियों की वजह बन रहा है।
v style="text-align: justify;">हल्द्वानी, [गणेश जोशी]: अपनों से नजदीकियां बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला इंटरनेट रिश्तों में दूरियां बढ़ाने की भी बड़ी वजह बन रहा है। इंटरनेट और मोबाइल के ज्यादा एडिक्शन ने निजी रिश्तों को उलझा के रख दिया है। यहां तक कि इंटरनेट वैवाहिक जीवन में खलनायक की भूमिका निभाने लगा है। इसके अत्यधिक उपयोग से पारिवारिक कलह ही नहीं, बल्कि तलाक के मामले भी तेजी से बढ़ गए हैं। अब महिला हेल्पलाइन सेंटर (वन स्टॉप सेंटर) में ही ऐसे मामलों की संख्या सबसे अधिक हो गई है। इस तरह के मामलों ने स्टॉप सेंटर संचालकों को भी चौंका दिया है। आए दिन कोई न कोई शिकायत आ रही है।
पहला केस: रामपुर रोड में रहने वाले युवक-युवती की लव मैरिज हुई थी। एक-दूसरे को बेइंतहा मोहब्बत करते थे। दो साल बाद पति जब कार्यालय से घर आता था, तो कटा-कटा सा रहने लगा। मोबाइल लेकर कभी छत पर तो कभी सड़क किनारे जाने लगा। ज्यादातर वक्त वो इंटरनेट का ही इस्तमेाल करता रहता। एक दिन पत्नी ने कारण जानना चाहा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह लड़की से चैटिंग करता था। पहले इन्कार करते रहा, बाद में पत्नी को ही तलाक देने की धमकी देने लगा।
दूसरा केस: काठगोदाम क्षेत्र में रहने वाली लड़की की धूमधाम से शादी हुई। बहू बनकर ससुराल आ गई लेकिन उसका फोन से प्यार कम नहीं हुआ। सुबह हो या दिन, शाम हो या रात, अक्सर फोन पर चिपकी रहती थी। इससे ससुराली नाराज होने लगे। नौबत झगड़े तक पहुंच गई और लड़की मायके चली गई। काउंसलिंग जरिये उसे फिर ससुराल भेजा गया है।
तीसरा केस: कठघरिया क्षेत्र की लड़की की 17 वर्ष में शादी हो गई थी। तीन बच्चे हो गए। एक दिन उसके मोबाइल पर अचानक किसी अज्ञात नंबर से फोन आया। दोनों की बातचीत शुरू हो गई। लंबी बातें करने लगे। नौबत यह हो गई कि तीन बच्चों की मां व पति के होने के बावजूद वह उस युवक के साथ भाग गई। काउंसलिंग भी हुई, लेकिन नहीं मानी। युवा पीढ़ी जरूरत से ज्यादा इंटरनेट एडिक्ट हो गई है।
मनोवैज्ञानिक डॉ. पंत ने बताया कि निश्चित तौर पर इसका दुष्प्रभाव आपसी रिश्तों में देखने को मिल रहा है। युवाओं को इसके नुकसान को भी समझना होगा। समझदारी से जरूरत के आधार पर ही इंटरनेट का प्रयोग होना चाहिए।डॉ. युवराज पंत, मनोवैज्ञानिक, एसटीएच00 में 40 मामले इंटरनेट के वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक सरोजनी जोशी बताती हैं, 6 अगस्त 07 से अगस्त 08 तक 00 मामले आए। इसमें 40 से अधिक मामले ऐसे ही थे, जिसमें इंटरनेट झगड़े की वजह था।
व स्टॉप सेंटर की इंजार्च सरोजनी ने बताया कि इंटरनेट के बेवजह प्रयोग से वैवाहिक जीवन में दरार पैदा होने लगी है। इससे चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। परिवार बिखर जा रहा है। लोगों को इंटरनेट के इस्तेमाल से जागरूक होना होगा। जरूरत के आधार पर ही इंटरनेट व फोन का इस्तेमाल किया जाए।