बड़े मैच खिलाने के नाम पर क्रिकेटरों को लूट रहीं संस्‍थाएं, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने किया आगाह

स्टेट लेवल व नेशनल क्रिकेट में मौका देने के नाम पर खिलाडिय़ों को गुमराह किया जा रहा है। कई संस्थाएं नए खिलाडिय़ों से मनमाना पैसा लेकर उन्हें रणजी ट्राफी समेत अन्‍य प्रतियोगिताओं में मौका देने का दावा कर रही हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 12:09 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 12:09 PM (IST)
बड़े मैच खिलाने के नाम पर क्रिकेटरों को लूट रहीं संस्‍थाएं, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने किया आगाह
बड़ी ट्रॉफी के नाम पर क्रिकेटरों को लूट रहीं संस्‍थाएं, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने किया आगाह

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : स्टेट लेवल व नेशनल क्रिकेट में मौका देने के नाम पर खिलाडिय़ों को गुमराह किया जा रहा है। कई संस्थाएं नए खिलाडिय़ों से मनमाना पैसा लेकर उन्हें रणजी ट्राफी समेत अन्‍य प्रतियोगिताओं में मौका देने का दावा कर रही हैं। ऐसे में उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने खिलाडिय़ों को सावधान रहने की अपील की है।

भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय खेल क्रिकेट क्रिकेट के लिए युवा पैसों की परवाह नहीं कर रहे हैं। जिसका असर है कि गुरुग्राम की एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी अपनी जेब भरने में लगी हुई है। वहीं इस तरह के कई अन्य संस्थाएं भी खिलाडिय़ों का शोषण कर रही हैं। जिससे खिलाड़ी भ्रमित होकर इन्हें असली मान रहे हैं। इसको लेकर क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड संस्था की ओर से बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि गुरुग्राम में एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी द्वारा खिलाडिय़ों से पैसे लेकर उन्हें विभिन्न राज्यों से खिलाने का दावा किया जा रहा है। जिसमें क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड व सदस्यों ने नाम को भी लिस्टेड किया गया है।

सीएयू ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि गुरुग्राम की कंपनी का यह दावा बिल्कुल निराधार है। इसका कोई प्रमाण नही है। क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड इस तरह के कार्यों का खंडन करते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। कहा कि सीएयू का उस मामले से कोई लेनादेना नही है। सीएयू का उस कम्पनी व एकेडमी संचालक कुलबीर रावत से कोई वास्ता नहीं है। मीडिया प्रभारी संजय गुसाईं ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के कार्यो में लिप्त है और इसकी जानकारी क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड के संज्ञान में आती है तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार का कृत्य क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड को बदनाम करना है।

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