62 बेड की जगह महिला चिकित्सालय में चल रहे मात्र 43 बेड, महिलाएं बरामदों में इलाज कराने को मजबूर
महिला चिकित्सालय की क्षमता दोगुनी किए जाने की की मांग उठाई जा रही है इसके उलट प्रबंधन को समस्याओं के चलते 30 प्रतिशत बेड कम करने पड़ गए हैं। 62 बेड के अस्पताल में वर्तमान में वर्तमान में मात्र 43 बेड का संचालन हो रहा है।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : पांच लाख की आबादी वाले सीमांत जिले के महिला चिकित्सालय में बेडों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग के बीच प्रबंधन ने 30 प्रतिशत बेड कम कर दिए हैं। अब महिलाओं को बरामदों में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है।
पिथौरागढ़ जनपद के साथ ही बागेश्वर, चंपावत और पड़ोसी देश नेपाल की महिलाएं भी उपचार के लिए महिला चिकित्सालय पहुंचती हैं। भीड़ को देखते हुए महिला चिकित्सालय की क्षमता दोगुनी किए जाने की की मांग उठाई जा रही है, इसके उलट प्रबंधन को समस्याओं के चलते 30 प्रतिशत बेड कम करने पड़ गए हैं। 62 बेड के अस्पताल में वर्तमान में वर्तमान में मात्र 43 बेड का संचालन हो रहा है। जगह की कमी के चलते इनमें भी महिलाओं को फोल्डिंग चारपाई पर बरामदों में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। महिलाओं को इसके चलते खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर ने महिला चिकित्सालय की लचर व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि सरकार आधी आबादी के उत्थान के लिए तमाम दावे कर रही है, लेकिन इसके उलट महिला चिकित्सालय में सुविधाएं लगातार कम की जा रही है। बेड बढ़ाने की जगह बेड कम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड व्यवस्था ठप है। छतें टपक रही हैं। जल्द व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर उन्होंने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।
इधर महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.जेएस नबियाल ने बताया कि महिला चिकित्सालय में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक विंग के साथ ही नवजात बच्चों के लिए अलग वार्ड की स्थापना से जगह कम पड़ रही है। बावजूद इसके महिलाओं को हरसंभव व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।