तस्करों ने बढ़ाई वन महकमे की टेंशन, रातोंरात काट दिए जा रहे हैं हरे पेड़

नैनीताल वन प्रभाग में तस्‍करों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। वन अपराध नियंत्रण के प्रयास लिए वन विभाग के नाकाफी साबित हो रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता पेडों के अवैध कटान की है। तस्कर रातोंरात हरे पेड़ों का कटान कर रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:44 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:57 PM (IST)
तस्करों ने बढ़ाई वन महकमे की टेंशन, रातोंरात काट दिए जा रहे हैं हरे पेड़
तस्करों ने बढ़ाई वन महकमे की टेंशन, रातोंरात काट दिए जा रहे हैं हरे पेड़

नैनीताल, जागरण संवाददाता : नैनीताल वन प्रभाग में तस्‍करों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। वन अपराध नियंत्रण के प्रयास लिए वन विभाग के नाकाफी साबित हो रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता पेडों के अवैध कटान की है। तस्कर रातोंरात हरे पेड़ों का कटान कर रहे हैं। इसके अलावा निर्माण कार्य की जद में आ रहे पेड़ों को जड़ से उखड़ा जा रहा, फिर जुर्माना भरने की खानापूर्ति की जा रही है। इस वजह से महकमे की टेंशन बढ़ी है।

नैनीताल वन प्रभाग में वन्य जीवों के अवैध शिकार के मामले भी बढ़ रहे हैं। नैना देवी बर्ड रिजर्व के अंतर्गत दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव हैं। यहां अवैध शिकार करने वालों की घुसपैठ बढ़ रही है। इसी साल क्षेत्र में सांभर के शिकार के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सांभर का मांस रिसोर्ट में बनाया जा रहा था। इसमें स्थानीय वन कर्मियों की भी संलिप्तता थी। वह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इस साल अब तक अवैध कटान के इस साल 11 मामले सामने आए। अवैध खनन के चार, वन्य जीव संरक्षण के तीन, तथा अन्य आठ समेत कुल 27 केस हैं।

स्टाफ की भी कमी

नैनीताल वन प्रभाग में वन अपराध रोकने के लिए मानव संसाधन की कमी है। खासकर फोरेस्टर व फारेस्ट गार्ड के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। तस्कर इसका भी फायदा उठा रहे हैं। नैनीताल शहर में भवनों का अवैध निर्माण कर रहे लोग बांज व अन्य प्रजाति के पेड़ों को जड़ से उखाड़ रहे हैं, फिर जुर्माना भर रहे हैं। इससे यहां की जैव विविधता पर संकट आ गया है। डीएफओ बिजुलाल टीआर का कहना है कि वन अपराध रोकने को विभाग का फील्ड स्टाफ मुस्तैद है। सूचना मिलते ही कार्रवाई की जाती है।

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