India-Nepal Border Dispute : नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण को लेकर भारत-नेपाल के अधिकारियों की बैठक बेनतीजा

नो मैंस लैंड पर नेपाली नागरिकों द्वारा अतिक्रमण किए जाने के मामले को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मंगलवार को एसएसबी कैंप में हुई बैठक बेनतीजा रही।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 04:26 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 12:43 PM (IST)
India-Nepal Border Dispute :  नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण को लेकर भारत-नेपाल के अधिकारियों की बैठक बेनतीजा
India-Nepal Border Dispute : नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण को लेकर भारत-नेपाल के अधिकारियों की बैठक बेनतीजा

चम्पावत/बनबसा, जेएनएन : टनकपुर बैराज के निकट भारत-नेपाल बॉर्डर के मिसिंग पिलर 811 के निकट नो मैंस लैंड पर नेपाली नागरिकों द्वारा अतिक्रमण किए जाने के मामले को लेकर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मंगलवार को एसएसबी कैंप में हुई बैठक बेनतीजा रही। दोनों देशों के अधिकारियों ने बैठक को अनौपचारिक बताया। जिसके चलते दोनों देश के अधिकारी कुछ भी बताने से बचते नजर आए। दो घंटे चली बैठक को मीडिया से दूर रखा गया। बैठक चाय समोसे की बीच मात्र चर्चा भर सिमटकर रह गई।

उत्तराखंड में चंपावज जिले के टनकपुर बैराज के निकट इंडो नेपाल बॉर्डर के नो मैंस लैंड को नेपाली नागरिकों ने अपना बताकर तारबाड़ कर लिया है। यही नहीं तारबाड़ के बाद पौधारोपण भी कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम को कंचनपुर महापालिका के संरक्षण में होना बताया जा रहा है। हालांकि कंचनपुर मेयर सुरेंद्र बिष्ट ने इसको लेकर साफ मना कर दिया है। बीते सप्ताह कंचनपुर सीडीओ नूर हरि खतियोड़ा ने निरीक्षण कर जल्द जल्द बैठक करने की बात कही थी। जिसके क्रम में मंगलवार को बनबसा एसएसबी कैंप में चम्पावत व कंचनपुर प्रशासन के बीच करीब दो घंटे तक बंद कमरे में बैठक हुई। बैठक लंबी चलने के कारण उम्मीद थी कि इस पर कोई हल निकलेगा लेकिन यह बैठक चाय समोसा पार्टी तक ही सिमट कर रह गई। बैठक से मीडिया को दूर रखा गया।

जब दो घंटे बाद कमरे से अधिकारी बाहर निकले तो इसे मात्र अनौपाचारिक बैठक बताया। दोनों देशों के अधिकारियों ने एक ही बात कही कि जब तक मिसिंग पिलर 811 का सर्वे कर रिलोकेट नहीं होता तब तक यथास्थिति बनी रहेगी। सर्वे जल्द शुरू करने के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा। बैठक में भारत की ओर से डीएम एसएन पांडे, एसपी लोकेश्वर सिंह, एसएसबी कमाडेंट आरके त्रिपाठी, एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम दयानंद सरस्वती, सीओ विपिन चंद्र पंत, नेपाल की ओर से कंचनपुर सीडीओ नूर हरि खतियोड़ा, एसपी मुकुंद मरासिनी, एसपी एपीएफ वीरेंद्र ऐरी, एसपी अनुसंधा रमेश डागा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

यह निर्णय करने वाली बैठक नहीं थी : सीडीओ

कंचनुपर सीडीओ नूर हरि खतियोड़ा ने कहा कि यह बैठक निर्णय करने वाला नहीं है। दोनों देशों के बीच जो भी दिक्कतें व परेशानी हो रही हैं। उन पर चर्चा की गई है। इसमें कोई निर्णय नहीं लिया। नो मैंस लैंड पर अतिक्रमण की जो बात आ रही है उसे तकनीकि टीम देखीगी। दोनों देशों के बीच कोई भी दिक्कत नहीं रहेगी।

स्थायी समाधान न निकलने तक पूर्वत रहेगी स्थिति : डीएम

चम्पावत डीएम एसएन पांडेय ने कहा कि यह मात्र अनौपचारिक बैठक थी। इसमें कोई निर्णय नहीं लिया गया मात्र दोनों देशों के बीच इस दौरान जो भी गतिविधियां हुई इस पर विस्तार से चर्चा की गई। स्थायी समाधान निकलने तक यथास्थिति बनी रहेगी। स्थितियों को बिगडऩे नहीं देंगे। मिसिंग पिलर को रिलोकेट करने के लिए जल्द सर्वे किया जाएगा।

बॉर्डर पर लगे कैमरे की नेपाल बदलेगा स्थिति

नो मैंस लैंड पर बीते दिनों नेपाल की कंचनपुर प्रशासन ने तीन कैमरे लगाए। दो कैंमरे बाजार में तो तीसरा कैमरा नो मैंस लैंड के निकट 360 डिग्री कैमरा लगा है। जो बॉर्डर पर होने वाली गतिविधि पर नजर रख रहा है। डीएम पांडे ने बताया कि कोई भी राष्ट्र अपने क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रख सकता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के लिए कैमरा नहीं लगा सकता। इस पर कंचनपुर प्रशासन ने कैमरे की स्थिति अपनी बाजार की ओर रखने के लिए हामी भरी है।

हमारा बॉर्डर भारत पाकिस्तान का नहीं : कमाडेंट

एसएसबी कमाडेंट आरके त्रिपाठी ने बैठक में कहा कि हमार बॉर्डर भारत पाकिस्तान का नहीं। बल्कि यह भारत नेपाल का वह बॉर्डर है जहां रोटी-बेटी के संबंध हैं। उन्होंने नेपाल प्रशासन से कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने नागरिकों को समझाएं। पेड़ लगाना गलत नहीं लेकिन तारबाड़ करना गलत है। पेड़ बड़े होंगे तो कुछ नेपाल के हिस्से में जाएंगे तो कुछ भारत में। इसलिए दोनों देश पूर्व की भांति खुशी, प्यार के साथ बॉर्डर पर ड्यूटी करें। इस पर नेपाली प्रशासन ने भी हामी भरी और अपने नेपाली नागरिकों को समझाने के लिए कहा।

नेपाल की नहीं दिख रही अतिक्रमण हटाने की मंशा

दो घंटे चली बैठक व पूर्व में नेपाली अधिकारियों की मंशा से तो एक बात साफ है कि वह यह नहीं चाहते कि नो मैंस लैंड पर हुआ अतिक्रमण हटे और न ही जल्द मिसिंग पिलर 811 रिलोकेट हो। अगर ऐसा होता तो जनवरी में दोनों देशों के बीच सर्वे को लेकर हुई बैठक में भारत ने 811 से सर्वे शुरू कराने को कहा था लेकिन नेपाल इस पर राजी नहीं हुआ था। जिस कारण यह विवाद अब यहां तक पहुंच गया।

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