विदेश के विकास मॉडल को राज्य में लागू करने की कोशिश करती थी इंदिरा

डा. इंदिरा हृदयेश राज्य की राजनीति के बाहर भी अपने ज्ञान व कौशल का परिचय देती रही हैं। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी उनकी दमदार उपस्थिति रही। अमेरिका में वूमेन ऑफ द ईयर सम्मान हासिल कर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नारी शक्ति का गौरव बढ़ाया था।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:56 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:56 AM (IST)
विदेश के विकास मॉडल को राज्य में लागू करने की कोशिश करती थी इंदिरा
विदेश के विकास मॉडल को राज्य में लागू करने की कोशिश करती थी इंदिरा

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. इंदिरा हृदयेश राज्य की राजनीति के बाहर भी अपने ज्ञान व कौशल का परिचय देती रही हैं। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी उनकी दमदार उपस्थिति रही। अमेरिका में वूमेन ऑफ द ईयर सम्मान हासिल कर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नारी शक्ति का गौरव बढ़ाया था।

40 वर्षों तक उनके साथ रहे सेवानिवृत प्रधानाचार्य डा. नंदाबल्लभ पाठक बताते हैं, वर्ष 1974 में दिल्ली में विश्व शांति सम्मेलन का आयोजन हुआ था। उसमें भी इंदिरा ने अपनी बात प्रमुखता से रखी। वहीं 2000 में अमेरिकन वायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट ऑफ यूएसए ने इंदिरा को वूमेन ऑफ द इयर का सम्मान प्रदान किया था।

जिस देश में जाती, वहां कुछ न कुछ सीख कर लाती

गजब की मेधावी थी इंदिरा। हर समय वह नया सीखते रहती थी। शिक्षक आंदोलन से ही साथ जुड़े रहने वाले नंदा बल्ला पाठक बताते हैं, उन्होंने कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1965 में श्रीलंका, 1984 में सिंगापुर व थाईलैंड, 1998 में वियना, जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड व 2000 में चीन, जापान, कनाडा, अमेरिका आदि देशों की यात्रा की हैं। 2006 में भी वह अमेरिका, मलेशिया समेत कई देशों में गई।

दूसरे देशों के विकास मॉडल का करती थीं अध्ययन

उनकी खासियत यह थी कि जिस भी देश में वह जाती, वहां के विकास के मॉडल का अवश्य अध्ययन करती थी। उनकी कोशिश रहती थी कि बेहतरीन विकास मॉडल को राज्य में भी लागू किया जाए। वह अक्सर मंचों व बैठकों में भी तमाम देशों के विकास मॉडल की चर्चा करती थी। पाठक कहते हैं कि वह ज्ञान का खजाना थी।

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