हरक सिंह के चुनाव न लड़ने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने जताई हमदर्दी, बोलीं- हम कहेंगे चुनाव लड़ें

वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत 2022 के विधानसभा चुनाव में चुनाव नहीं लडऩे के बयान के बाद अब नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के बयान ने उत्तराखंड की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गरम कर दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 04:10 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 10:47 AM (IST)
हरक सिंह के चुनाव न लड़ने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने जताई हमदर्दी, बोलीं- हम कहेंगे चुनाव लड़ें
हरक सिंह के चुनाव न लड़ने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने जताई हमदर्दी, बोलीं- हम कहेंगे चुनाव लड़ें

हल्द्वानी, जेएनएन : वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत 2022 के विधानसभा चुनाव में चुनाव नहीं लडऩे के बयान के बाद अब नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के बयान ने उत्तराखंड की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गरम कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने अपने आवास में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे नहीं पता कि हरक सिंह ने ऐसा बयान क्यों दिया। मगर वह एक अच्छे और उत्साही व्यक्ति हैं। अभी उनकी उम्र भी ऐसी नहीं कि वो चुनाव न लड़ सकें। नेता प्रतिपक्ष ने यहां तक कहा कि अगर वह किसी कष्ट में है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जिसके बाद हम उनसे यह भी कहेंगे कि वे चुनाव लड़ें।

2017 के विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले हरक सिंह रावत ने कोटद्वार विधानसभा से चुनाव लड़ कांग्रेस के दिग्गज व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को हराया था। चार बागी जिन्हें त्रिवेंद्र सरकार मेें मंत्री पद मिला उसमें हरक भी शामिल हैं। शुक्रवार को अचानक उन्होंने कहा कि वह 2022 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे मगर, राजनीति से सन्यास भी नहीं लेने जा रहे। जिसके बाद हल्द्वानी से नेता प्रतिपक्ष ने भी मीडिया के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हरक सिंह के उन लोगों से अच्छे रिश्ते हैं। चुनाव लडऩे के लिए हम ही उनसे कहेंगे। अगर वह कष्ट में होंगे तो बात कर उसे दूर करने की कोशिश भी की जाएगी।

हाल में बोर्ड अध्यक्ष पद से हटाया

वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत को हाल में सरकार ने उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया था। जिसके बाद बोर्ड में बतौर सदस्य शामिल रहे पांच लोगों को भी हटा दिया गया। इससे पूर्व वन विभाग के अफसरों द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों को लेकर भी वनमंत्री की बयानबाजी चर्चाओं रही थी।

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