Indira Hridyesh : कोरोना को हराकर शुरू किया था गढ़वाल दौरा
Indira Hridyesh कोरोना की पहली लहर में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा भी संक्रमित हुई थी। पिछले साल सितंबर में पॉजिटिव आने पर उन्हें पहले सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद एयरलिफ्ट कर पहले दिल्ली और फिर दिल्ली ले जाया गया था।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Indira Hridyesh : कोरोना की पहली लहर में नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा भी संक्रमित हुई थी। पिछले साल सितंबर में पॉजिटिव आने पर उन्हें पहले सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद एयरलिफ्ट कर पहले दिल्ली और फिर दिल्ली ले जाया गया था। हालांकि, संक्रमण को मात देने के बाद वह फिर से सार्वजनिक जीवन में आ गईं और मार्च में प्रदेश नेतृत्व संग जन आक्रोश रैली का नेतृत्व शुरू किया। गढ़वाल में विधानसभावार भाजपा सरकार को घेरा जाने लगा। हालांकि, 14 मार्च को श्रीनगर में कार्यक्रम के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। और एम्स में भर्ती कराना पड़ा था।
फरवरी 2020 में हल्द्वानी में लालटेन पदयात्रा के जरिये नेता प्रतिपक्ष ने अपनी ताकत दिखाने के साथ कांग्रेस के सभी दिग्गजों को एकजुट किया था। उम्र, सियासी और संसदीय अनुभव के कारण पक्ष विपक्ष के लोग उन्हें दीदी कहकर बुलाते थे। 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए जब-जब एक कर मंत्री व विधायक जाते रहे तो बतौर मंत्री वह सरकार की ढाल बनी। यही वजह है कि एनडी तिवारी से लेकर हरीश रावत तक ने कभी उनका कहा टाला नहीं।
11 जून को प्रदर्शन का नेतृत्व किया
नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश राजनैतिक और सामाजिक तौर पर हमेशा सक्रिय रही। बढ़ती उम्र कभी इसमें आड़े नहीं आई। 11 जून को कांग्रेस ने प्रदेशभर में तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उस दिन इंदिरा के नेतृत्व में नैनीताल रोड स्थित पेट्रोल पंप के बाहर प्रदर्शन किया गया था। उस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि जब पूरा देश एक बड़ी महामारी से जूझ रहा हो, ऐसे समय में पेट्रेाल-डीजल के दाम बढऩे से जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। यानी केंद्र हर सरकार नाकाम है।
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