India China Business 2019 तीस अक्टूबर तक तिब्बत से लौट आएंगे भारतीय व्यापारी

तकलाकोट में 31 अक्टूबर तक चलने वाले भारत-चीन व्यापार 2019 समापन की ओर है। व्यापार अवधि समाप्त होने में अब मात्र 11 दिन शेष हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 06:19 PM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 06:19 PM (IST)
India China Business 2019 तीस अक्टूबर तक तिब्बत से लौट आएंगे भारतीय व्यापारी
India China Business 2019 तीस अक्टूबर तक तिब्बत से लौट आएंगे भारतीय व्यापारी

धारचूला, पिथौरागढ (जेएनएन) : तकलाकोट में 31 अक्टूबर तक चलने वाले भारत-चीन व्यापार 2019 समापन की ओर है। व्यापार अवधि समाप्त होने में अब मात्र 11 दिन शेष हैं। इसके चलते सभी भारतीय व्यापारियों के 30 अक्टूबर तक भारतीय सीमा में प्रवेश करने की सूचना है।

विश्व में सर्वाधिक ऊंचाई वाले इस दर्रे में एक जून से जारी भारत-चीन व्यापार की अवधि वर्तमान में समाप्ति की ओर है। वहीं, चीन की तिब्बत स्थित मंडी में व्यापार चरम पर है। भारत सरकार के कस्टम विभाग द्वारा बीते माह गुड़ और मिश्री के व्यापार में प्रतिबंध हटाने से तिब्बती मंडल तकलाकोट में गुड़ और मिश्री की मिठास घुल रही है। इस समय तक तिब्बती मंडी में पश्चिमी तिब्बत के व्यापारियों के भी शिरकत करने से मंडी गुलजार है।

नियमों के अनुसार भारतीय व्यापारियों को 26 अक्टूबर तक आइजीएसटी के चलते कस्टम विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होती है और स्थल सीमा शुल्क जमा करना होता है। इसके चलते अभी तकलाकोट में व्यापार कर रहे अधिकांश भारतीय व्यापारी 26 अक्टूबर तक भारत लौट आएंगे। व्यापारियों की इंट्री के बाद व्यापार के आंकड़े मिलेंगे। व्यापारियों  के तीन नवंबर से धारचूला पहुंचने का सिलसिला जारी होगा। पांच-छह नवंबर तक सभी व्यापारियों के धारचूला पहुंचने की संभावना है। अलबत्ता व्यापारियों का सामान पंद्रह नवंबर से पूर्व तक पहुंच पाएगा। इस समय 45 से अधिक भारतीय व्यापारी तकलाकोट में हैं।

चीन में वाहन से, भारत में खच्चरों से होता है सामान का ढुलान

भारतीय व्यापारी तिब्बत में तकलाकोट से भारत-चीन सीमा लिपूलेख तक सामान की ढुलाई वाहनों से करते हैं। भारत में लिपूलेख से नजंग तक का ढुलान घोड़े-खच्चरों से होता है। नजंग से धारचूला तक वाहनों से सामान पहुंचता है। इसके चलते सामान पहुंचने में विलंब हो जाता है।

सबसे पहले जौलजीवी मेले में बिकने पहुंचता है तिब्बती सामान

भारत-चीन व्यापार समाप्त होते ही काली और गोरी नदी के संगम पर प्रसिद्ध व्यापारिक मेला जौलजीवी प्रारंभ होता है। यह मेला 14 नवंबर से प्रारंभ होकर 22 नवंबर तक सरकारी तौर पर रहता है। 22 से 30 नवंबर तक व्यापारिक गतिविधियां जारी रहती हैं। भारत-चीन व्यापार में आयातित सामान सबसे पहले बिकने के लिए इसी मेले में पहुंचता है। मेले में ही तिब्बती सामान को सबसे बड़ा बाजार मिलता है।

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