कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो नैनीताल में फिर लगने लगी सस्ते गल्ले की दुकानों में कतारें
शुक्रवार को शहर के माल रोड से लेकर मल्लीताल तल्लीताल में गल्ले की दुकानों में गेहूं चावल के लिए कार्डधारकों की कतार लगी रही। लोग यह कहते सुने गए कि भले ही एक घंटा इंतजार करना पड़े राशन लेकर ही घर जाएंगे।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों, बाजार बंदी व भविष्य की आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए सस्ते गल्ले की दुकानों पर राशन के लिए कार्डधारकों की कतारें लगने लगी हैं। पिछली बार लॉकडाउन में भी गल्ले की दुकानों में लाइनें लगी थी।
कोरोना की दूसरी लहर आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए मुसीबत लेकर आई है। शहर में छिटपुट कारोबार चौपट होने से आमदमी के स्रोत बंद हुए तो अब घर परिवार की गुजर बसर के लिए सरकारी योजनाओं का सहारा है। अब तक गल्ले की दुकानों के राशन के बजाय बाजार पर निर्भर हो रहा यह तबका फिर से पुरानी स्थिति पर लौट आया है। शुक्रवार को शहर के माल रोड से लेकर मल्लीताल, तल्लीताल में गल्ले की दुकानों में गेहूं, चावल के लिए कार्डधारकों की कतार लगी रही। लोग यह कहते सुने गए कि भले ही एक घंटा इंतजार करना पड़े, राशन लेकर ही घर जाएंगे।
पूर्ति निरीक्षक सुरेंद्र बिष्ट के अनुसार नैनीताल क्षेत्र में नैनीताल, भीमताल, भवाली, नौकुचियाताल, ज्योलिकोट, सलड़ी तक 80 सस्ते गल्ले की दुकानें हैं। एपीएल कार्डधारक को प्रति यूनिट ढाई किलो गेंहू व पांच किलो चावल, बीपीएल को प्रति यूनिट दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल देने का प्रावधान है। अंत्योदय को 35 किलो राशन दिया जाता है। इस बार बीपीएल को प्रति यूनिट एक किलो नौ सौ ग्राम गेहूं व तीन किलो सौ ग्राम चावल का आवंटन प्रति यूनिट किया गया है। गल्ला विक्रेता द्वारा राशन की बुकिंग ऑनलाइन की जाती है।
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें