पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट ने शासन, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी व आइजी मुख्यालय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
आईआरबी बैलपड़ाव के ललित कुमार व अन्य ने याचिका दायर कर पदोन्नति प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला देते हुए चुनौती दी। नौ मार्च को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन को छह सप्ताह में निर्णय लेने हेतु आदेशित करते हुए निस्तारित कर दिया था।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। उच्च न्यायालय ने पुलिस विभाग को आईआरबी व पीएसी में प्लाटून कमांडर एवं मुख्य आरक्षी के पद पर की जा रही विभागीय पदोन्नति को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार , प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, आईजी पुलिस मुख्यालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
दरअसल आईआरबी एवं पीएसी के प्लाटून कमान्डर एंव मुख्य आरक्षी के पदों पर विभागीय पदोन्नति के लिए इसी साल 22 जनवरी को विज्ञप्ति जारी की गई। विज्ञप्ति के अनुसार 21 फरवरी 2021 को लिखित परीक्षा ली गई ।जिसमें पुलिस विभाग द्वारा आईआरबी, पीएसी एंव सिविल पुलिस की लिखित परिक्षा संयुक्त रूप से कराई गई जबकि विज्ञप्ति अलग अलग जारी की गई। लिखित परीक्षा में आने वाला सिलेबस भी जो, मुख्य रूप से पुलिस प्रक्रिया एंव विधि से सम्बन्धित था, अलग अलग निर्धारित किया गया था। आईआरबी बैलपड़ाव के ललित कुमार व अन्य ने याचिका दायर कर पदोन्नति प्रक्रिया में अनियमितताओं का हवाला देते हुए चुनौती दी। नौ मार्च को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन को छह सप्ताह में निर्णय लेने हेतु आदेशित करते हुए निस्तारित कर दिया था। जिसके बाद 20 अप्रैल को पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय उत्तराखण्ड द्वारा याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन को निरस्त कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि विभाग द्वारा उनकी शिकायतों को गंम्भीरता से न लेते हुए सरसरी तौर पर प्रत्यावेदन निरस्त किया गया है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई।
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