आपदा के बाद महामारी में मुस्तैद एसडीआरएफ, लोगों की मदद को रात-दिन जुटी

हल्द्वानी में तैनात टीम को तीन मुख्य काम सौंपे गए हैं। होम आइसोलेट कोरोना मरीजों को कोरोना दवा किट पहुंचने के साथ गौला स्थित अस्थायी श्मशान घाट में लावारिस शव की सूचना मिलने पर यह लोग मदद को पहुंचते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 05:57 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 05:57 PM (IST)
आपदा के बाद महामारी में मुस्तैद एसडीआरएफ, लोगों की मदद को रात-दिन जुटी
संक्रमितों तक किट पहुंचाने के लिए दिन भर यह बाइक से शहर के अलग-अलग कोनों में दौड़ते रहते हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पहाड़ पर आपदा के दौरान लोगों की जिंदगी बचाने वाले एसडीआरएफ के जवान महामारी के  दौर में लोगों की मदद में जुटे हैं। हल्द्वानी में तैनात टीम को तीन मुख्य काम सौंपे गए हैं। होम आइसोलेट कोरोना मरीजों को कोरोना दवा किट पहुंचने के साथ गौला स्थित अस्थायी श्मशान घाट में लावारिस शव की सूचना मिलने पर यह लोग मदद को पहुंचते हैं। इसके अलावा संक्रमितों के इलाज में जुटे कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल एसटीएच मेंं भी एक टीम सुरक्षा में जुटी है।

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में अक्सर बादल फटने, ग्लेशियर पिघलने व तेज बारिश की वजह से आपदा की स्थिति पैदा हो जाती है। उस स्थिति में फंसे लोगों को सकुशल निकालने की जिम्मेदारी एसडीआरएफ द्वारा बखूबी निभाई जाती है। हाल में रैणी गांव में आई आपदा के दौरान भी एसडीआरएफ के जवानों ने पुलिस व प्रशासन संग मिलकर रेस्क्यू अभियान में पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं, अब कोरोना महामारी के बीच में टीम अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है। संक्रमितों तक किट पहुंचाने के लिए दिन भर यह बाइक से शहर के अलग-अलग कोनों में दौड़ते रहते हैं।

हल्द्वानी में बननी है पूरी यूनिट: कुमाऊं में अभी तक एसडीआरएफ की कोई यूनिट नहीं है। तीनपानी के पास वन विभाग की 33 हेक्टेयर जमीन पर यूनिट तैयार करने को लेकर प्रक्रिया चल रही है। मामला काफी आगे तक बढ़ गया था। लेकिन कोविड कफ्र्यू की वजह से फिलहाल देरी हो रही है।

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