पर्यटन के लिहाज से नैनीताल की तरह ही भीमताल को किया जाए विकसित, व्यापारियों ने बैठककर रखी मांग
नैनीताल की तरह पूरे नगर के कोने कोने में पर्यटन स्थल नहीं होने के कारण भीमताल का पूरा पर्यटन केवल डांठ और इसके इर्द गिर्द ही रहता है। वर्तमान में अब भीमताल में भी अन्य पर्यटन स्थल को खोजने और उसको विकसित करने की आवश्यकता है।
जागरण संवाददाता, भीमताल : भीमताल झील की सुंदरता नैनीताल जनपद की अन्य झीलों की सुंदरता से कम नहीं है। इसके बीच में बना टापू इसको और सुंदर बनाता है। पर नैनीताल की तरह पूरे नगर के कोने कोने में पर्यटन स्थल नहीं होने के कारण भीमताल का पूरा पर्यटन केवल डांठ और इसके इर्द गिर्द ही रहता है। वर्तमान में अब भीमताल में भी अन्य पर्यटन स्थल को खोजने और उसको विकसित करने की आवश्यकता है।
स्थानीय कारोबारियों के मुताबिक भीमताल के आस पास चार से पांच किमी की दूरी पर कई ट्रक की अपार संभावना है तो वहीं भीमताल धार्मिक स्थलों का भी केन्द्र रहा है। एक ओर भीमेश्वर मंदिर और वहीं झील के किनारे कैंचुला देवी मंदिर और ऊंचाई पर करकोटक मंदिर और वहीं पांच किमी की दूरी पर हर की पैड़ी और उससे पहले भक्ति धाम में पर्यटन को लेकर कार्य की आवश्यकता जताई है।
पर्यटक स्थलों को बढ़ाने के लिये मल्लीताल में कारोबारियों ने गोष्ठी आयोजित कर अपने अपने विचार व्यक्त किये। पूर्व चेयरमेन राजेश नेगी की उपस्थिति में आयोजित गोष्ठी में पर्यटन स्थलों की नई संभावनाओं को तलाशा गया। कारोबारियों ने ट्रैक के अतिरिक्त एक पर्यटक सूचना केन्द्र होने तथा रोड़वेज बस स्टैंड और फायर स्टेशन की आवश्यकता जताई। कारोबारियों ने बताया कि इसके अतिरिक्त कई समय से करकोटक तक रज्जू मार्ग की संभावना जताई जा रही है पर इस ओर अब तक कोई कार्यवाही प्रारंभ नहीं हो पाई है।
वहीं कारोबोरियों के मुताबिक भीमताल में लगभग हर स्थान से झील को देखा जा सकता है इसलिये भीमताल की हर चोटी में दूरबीन को लगाया जाये ताकि पर्यटक विभिन्न चोटियों से भीमताल झील के साथ साथ अन्य झीलों के दीदार ऊंचाई से कर सके। इसके अलावा कारोबारियों ने भीमताल में एक बहुमंजिली पार्किंग की भी आवश्यकता जताई। अवगत कराया कि पार्किंग नहीं होने के कारण बाजार में कोई भी पर्यटक वाहन नहीं रुक पाता है, जिस कारण दुकानों में बिक्री काफी कम होती है। तय किया गया कि इन प्रस्तावों को शासन और जिला प्रशासन को भेजकर पूर्ण करने की मांग की जाएगी।
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