पिथौरागढ़ में पौण पपदेव में दिखाई दिया गुलदार का जोड़ा, पूरे दिन गश्त में लगी रही वन विभाग की टीम

बुधवार की सुबह फिर गुलदार का जोड़ा पौण-पपदेव गांव की सीमा पर दिखाई दिया इससे लोग दहशत में आ गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची लेकिन गुलदार नहीं दिखाई दिए।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 05:43 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 05:43 PM (IST)
पिथौरागढ़ में पौण पपदेव में दिखाई दिया गुलदार का जोड़ा, पूरे दिन गश्त में लगी रही वन विभाग की टीम
ग्रामीणों से घास कटाई के कार्य को कुछ दिन स्थगित करने का अनुरोध किया है।

जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : जिला मुख्यालय के नजदीकी गांवों में गुलदार का खौफ कम नहीं हो रहा है। बुधवार की सुबह पौण और पपदेव गांव की सीमा पर गुलदार का जोड़ा टहलता दिखा। गुलदार दिखाई देने से ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम पूरे दिन गश्त में जुटी रही। 

दो रोज पूर्व सेरा पाटा गांव में एक गुलदार पिंजरे में कैद हुआ था। पांच रोज पूर्व इसी क्षेत्र में गुलदार ने एक सात वर्षीय बालिका को अपना निवाला बना लिया था। गुलदार के पिंजरे में कैद हो जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें दहशत से निजात मिलेगी, लेकिन बुधवार की सुबह फिर गुलदार का जोड़ा पौण-पपदेव  गांव की सीमा पर दिखाई दिया, इससे लोग दहशत में आ गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची, लेकिन गुलदार नहीं दिखाई दिए। टीम पूरे दिन क्षेत्र में गश्त में लगी रही। वन विभाग ने पौण पपदेव के साथ ही बजेटी, हुड़ेती, जीआईसी, सेरा आदि क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। बीते रोज पिंजरे में कैद हुए गुलदार को अभी नहीं छोड़ा गया है। मादा गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। गुलदार के स्वास्थ्य पर निगाह रखी जा रही है। पूरी तरह स्वस्थ पाए जाने के बाद ही गुलदार को वापस जंगल में छोड़ा जाएगा। 

दहशत से घास नहीं काट पा रहे हैं ग्रामीण 

पर्वतीय क्षेत्रों में घास कटाई का काम शुरू  हो गया है। एक माह तक चलने वाले इस सीजन के दौरान ग्रामीण घास काटकर जानवरों के लिए चारा एकत्र करते हैं, लेकिन जिला मुख्यालय के आस-पास के क्षेत्रों में गुलदार की सक्रियता के चलते ग्रामीण घास नहीं काट पा रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने बताया कि सूखी घास गुलदार के छुपने के लिए बेहद मुफीद है।

गुलदार का रंग और घास का रंग एक जैसा होने के चलते अक्सर घात लगाकर बैठा गुलदार दिखाई नहीं देता और घास काटने के लिए आने वाली महिलाओं को अपना शिकार बना लेता है। उन्होंने ग्रामीणों से घास कटाई के कार्य को कुछ दिन स्थगित करने का अनुरोध किया है।

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