पिथौरागढ़ के जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर बीआरओ ने सात दिन में तैयार किया 180 फीट का वैली ब्रिज

किरकिटिया नाले में बीआरओ ने सात दिन के भीतर 180 फीट लंबा वैली पुल तैयार किया। पुल बनने के बाद सबसे पहले बीआरओ का वाहन गुजरा। बीते वर्ष मानसून काल में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर 54वें किमी पर स्थित किरकिटिया नाले पर बना मोटर पुल बह गया था।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 10:46 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 10:46 AM (IST)
पिथौरागढ़ के जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर बीआरओ ने सात दिन में तैयार किया 180 फीट का वैली ब्रिज
मानसून काल से पूर्व यहां पर पुल का निर्माण आवश्यक हो गया था। जल स्तर बढऩे पर संभव नहीं था।

संवाद सूत्र, धारचूला (पिथौरागढ़) : जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर किरकिटिया नाले में बीआरओ ने सात दिन के भीतर 180 फीट लंबा वैली पुल तैयार किया। पुल बनने के बाद सबसे पहले बीआरओ का वाहन गुजरा। बीते वर्ष मानसून काल में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर 54वें किमी पर स्थित किरकिटिया नाले पर बना मोटर पुल बह गया था। इस पुल के बहने से कुछ दिनों तक यातायात ठप रहा। बीआरओ ने नाले में भूमि काट कर यातायात की व्यवस्था की थी। इस समय नाले में पानी कम रहने से यह वैकल्पिक व्यवस्था चल रही थी। इस स्थान पर बीते वर्ष की आपदा के दौरान स्थिति बेहद खराब हो गई थी। इधर मानसून काल से पूर्व यहां पर पुल का निर्माण आवश्यक हो गया था। नाले का जल स्तर बढऩे पर यातायात संभव नहीं था।

कमांडर 765 बीआरटीएफ कर्नल एनके शर्मा ने बताया कि इस स्थान पर पुल निर्माण करना प्राथमिकता था। पुल निर्माण के लिए पूरी प्लानिंग की गई। इसी प्लान के तहत एक मई से पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। 70 मजदूर लगाए गए। अधिकारियों के निर्देशन पर 180 फीट लंबा डबल रेनफोर्स (डीडीआरबीबी) वैली ब्रिज सात दिन में तैयार कर दिया। सात मई को तैयार पुल से सबसे पहला वाहन बीआरओ को गुजरा। जौलजीबी-मुनस्यारी पर किरकिटिया पुल बनने से अब यातायात में किसी तरह की बाधा नहीं रह गई है। मानसून काल से पूर्व पुल निर्माण से जनता को राहत मिली है। कर्नल शर्मा ने बताया कि मानसून काल को देखते हुए पुल का निर्माण तय समय सीमा के भीतर किया गया।

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