चम्पावत में सरकार की बेरुखी से चढ़ा आशा कार्यकर्ताओं का पारा, 27वें दिन भी धरने पर डटीं
ब्लाक अध्यक्ष रुक्मणी जोशी एवं जिला उपाध्यक्ष हेमा जोशी के नेतृत्व में सभा का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने कहा कि आशाएं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने बिना डर के अपनी ड्यूटी का पालन किया। लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : 12 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्यबहिष्कार कर रही आशा वर्कर्स ने शनिवार को 27वें दिन भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट सहित जिले के सभी तहसील मुख्यालयों में सभा कर उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
जिला मुख्यालय में संगठन की ब्लाक अध्यक्ष रुक्मणी जोशी एवं जिला उपाध्यक्ष हेमा जोशी के नेतृत्व में सभा का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने कहा कि आशाएं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने बिना डर के अपनी ड्यूटी का पालन किया। लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। कहा कि जब तक न्यूनतम मानदेय 21 हजार करने, सेवानिवृत होने पर पेंशन का प्रावधान करने, कोविड कार्य में लगी सभी आशा वर्कर्स को 10 हजार रुपये मासिक भत्ते का भुगतान करने, पचास लाख का जीवन बीमा और दस लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू करने सहित 12 सूत्रीय मांगें नहीं मानी जाती आशाएं काम पर नहीं लौटेंगी। इस मौके पर सीता चौधरी, दीपा बोहरा, लीलावती भट्ट, निर्मला जोशी, पुष्पा बिष्ट, संगीता प्रहरी, उमा जोशी, तनुजा पांडेय, चंद्रकला जोशी, रेनू गोस्वामी, माधवी बरदोला, सीता चौधरी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहीं।
लोहाघाट में भी आशाओं ने धरना प्रदर्शन जारी रखा। जिलाध्यक्ष सरोज पुनेठा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान पदमा प्रथोली, हेमा जोशी, रेखा पुजारी, चम्पा राय, रीना सिंह, रीता सिंह, पार्वती देवी, पुष्पा बोहरा, आदि मौजूद रहीं। टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य गेट में आशाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान लीला नेगी, प्रमिला सिंह मीना चंद, बबीता भट्ट, जानकी देवी, मंजू चंद, शकुंतला भंडारी, सहित दर्जनों आशाएं मौजूद रहीं।