चम्पावत में टनकपुर-जौलजीबी मार्ग से पूर्णागिरि मार्ग खतरे में, लोनिवि ने ज्यूलोजिकल सर्वे को बताया जरूरी

लोनिवि के सहायक अभियंता एपीएस बिष्ट ने बताया कि ठूलीगाड़ भैरव मंदिर मोटर मार्ग बनने से ठुलीगाड़ पुल के पास 200 मीटर मार्ग लगातार धंसता जा रहा रहा है। साथ ही इसी मार्ग में दो किलोमीटर आगे दो स्थानों पर 60 से 70 सेंटीमीटर जमीन नीचे धंस चुकी है।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:10 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:10 PM (IST)
चम्पावत में टनकपुर-जौलजीबी मार्ग से पूर्णागिरि मार्ग खतरे में, लोनिवि ने ज्यूलोजिकल सर्वे को बताया जरूरी
लगातार हो रहे भूस्खलन से पूर्णागिरि धाम को भी खतरा पैदा हो गया है।

संवाद सहयोगी, टनकपुर (चम्पावत) : टनकपुर-जौलजीबी सड़क मार्ग निर्माण से पूर्णागिरि धाम को जाने वाली सड़क को भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है। इस बरसात में तो कई बार भू धंसाव से कई बार लंबे समय तक मार्ग अवरूद्ध रहा। लोनिवि का मानना है कि समय रहते हुए इस मार्ग का ट्रीटमेंट नही किया गया तो पूर्णागिरि मार्ग खाई में समा जाएगा। यही नहीं लगातार हो रहे भूस्खलन से पूर्णागिरि धाम को भी खतरा पैदा हो गया है। 

पूर्णागिरि की चोटी के नीचे से ही टनकपुर-जौलजीबी सड़क का निर्माण कार्य पिछले चार वर्षो से किया जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण के लिए पहाड़ों की कटिंग भी की गई है, जिससे पूर्णागिरि मार्ग के साथ धाम को भी खतरा पैदा हो गया है। लोनिवि के सहायक अभियंता एपीएस बिष्ट ने बताया कि ठूलीगाड़ भैरव मंदिर मोटर मार्ग बनने से ठुलीगाड़ पुल के पास 200 मीटर मार्ग लगातार धंसता जा रहा रहा है। साथ ही इसी मार्ग में दो किलोमीटर आगे दो स्थानों पर 60 से 70 सेंटीमीटर जमीन नीचे धंस चुकी है। यह धंसाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनकी ओर से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी का ज्यूलोजिकल सर्वे कराने की मांग की है।

बता दें कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-जौलजीबी टू लेन सड़क को केन्द्र सरकार ने वर्ष 2016 में स्वीकृति दे दी थी। टनकपुर से जौलजीबी तक 135 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कार्य 2017 से शुरू हो गया था। जिसको पीआईयू द्वारा किया जा रहा है, जिसकी लागत 123 करोड़ रुपये है। अभी टनकपुर से 42 किमी सड़क ठुलीगाड़ से रूपालीगाड़ तक टू लेन बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस मार्ग में 20 किमी तक डामरीकरण का कार्य भी पूरा हो गया है। भवानी नाले, लादीगाड व गौजी नाले में पुल निर्माण कार्य चल रहा है। 

ब्लास्टिंग करने पर तीन लोगों ने गवाई थी जान 

चार वर्ष पूर्व टनकपुर-जौलजीबी मार्ग के अंग्रेजी पहाड़ी के पास भारी-भरकम चट्टान को काटने के लिए ब्लास्टिंग की गई थी। जिसके बाद इस चट्टान के खिसकने से कार्य कर रहे तीन लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में ठेकेदार व पोकलेंड मशीन का चालक व एक नेपाली मजदूर शामिल था।  

ईई लोनिवि एपीएस बिष्ट ने बताया कि टनकपुर-जौलजीबी सड़क कटिंग के बाद से ही पूर्णागिरि रोड और पहाड़ी पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। पूर्णागिरि रोड कई जगह बैठ गई है। पहाड़ी का ट्रीटमेंट होना जरूरी है। उच्चाधिकारियों को पूर्णागिरि रोड को पैदा हो रहे खतरे से अवगत करा दिया गया है।

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