एटीएम जेब में, कोई फोन न ओटीपी शेयर की, फिर भी वन विभाग में क्लर्क के खाते से 41 हजार रुपये पार

बताया कि उनके मोबाइल पर कोई फोन भी नहीं आया। किसी भी प्रकार की ओटीपी भी नहीं आई। जबकि एटीएम भी उनके पास रहता है। उसका कहना है कि ऐसे में तो किसी का रुपया बैंक में सुरक्षित नहीं है। आम आदमी कैसे करे अपनी मेहनत की कमाई की हिफाजत।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 10:05 PM (IST)
एटीएम जेब में, कोई फोन न ओटीपी शेयर की, फिर भी वन विभाग में क्लर्क के खाते से 41 हजार रुपये पार
अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत करने और धनराशि वापस दिलाने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : वन विभाग में तैनात क्लर्क के बैंक खाते से 41,200 रुपये किसी ने निकाल लिए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस साइबर क्राइम ब्रांच से की है। उन्होंने कहा कि धनराशि निकासी के मैसेज नहीं आने से उन्हें घटना का पता देर से चला। उन्होंने अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत करने और धनराशि वापस दिलाने की मांग की है।

विकास खंड के नैल गांव निवासी बलवंत सिंह रावत पुत्र नारायण सिंह रावत वन विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात हैं। उनका खाता एसबीआइ रवांइखाल में है। उनके खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति ने 27 मई से लगातार 11 जून तक टुकड़ों में धनराशि निकाली। उन्होंने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि 27 जून को 400, 800, दो बार चार हजार, 28 जून को दो बार चार हजार, 29 को 1600, तीस को दो बार चार-चार हजार एक बार 4400 रुपये, तीन मई को 400, चार हजार, पांच मई को चार हजार और 11 मई को 1600 रुपये की निकासी की गई है। उन्होंने बताया कि उनकी खाते से 41,200 रुपये निकाल लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर कोई फोन भी नहीं आया। किसी भी प्रकार की ओटीपी भी नहीं आई। जबकि एटीएम भी उनके पास रहता है। उसका कहना है कि ऐसे में तो किसी का रुपया बैंक में सुरक्षित नहीं है।

आम आदमी कैसे करे अपनी मेहनत की कमाई की हिफाजत। उसका कहना है कि यदि फोन या आेटीपी शेयर की होती तो एक बार गलती मान भी लेता। पर किसी प्रकार कहीं कोई सूचना शेयर न करने पर भी खाते से कैसे रुपये निकल गए। पुलिस को गहनता से जांच करनी चाहिए। यह बहुत गंभीर मामला है। उन्होंने पुलिस से अज्ञात के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए धनराशि वापस लौटाने की मांग की है। इधर, कोतवाल डीआर वर्मा ने बताया कि मामला साइबर क्राइम ब्रांच को भेजा जा रहा है।

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