अल्मोड़ा में घायल गुलदार ने कराहते हुए दम तोड़ा, एक पंजा गायब होने से तारबाड़ में फंसने व भूख से मौत का अंदेशा

वन रेंज अधिकारी मदन लाल के अनुसार मादा गुलदार के बाए पैर का मांस गल जाने से पंजे की केवल हड्डी ही बची थी। आशंका है कि तारबाड़ में फंसने से पंजा खराब हो गया। वहीं लंबे समय से वह शिकार भी नहीं कर सकी।

By Prashant MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:12 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 05:12 PM (IST)
अल्मोड़ा में घायल गुलदार ने कराहते हुए दम तोड़ा, एक पंजा गायब होने से तारबाड़ में फंसने व भूख से मौत का अंदेशा
गुलदार की लंबाई 2.30 मीटर तथा ऊंचाई 80 सेमी थी। विभागीय नियमानुसार उसकी अंत्येष्टि कर दी गई।

जागरण संवाददाता, द्वाराहाट अल्मोड़ा : नगर से करीब पांच किमी दूर पंथिनगाड़ पुल के निकट गुलदार की सड़क किनारे मौजूदगी व दहाड़ से पहले तो अफरातफरी मची। मगर बाद में वह एकदम शांत हो गया। भीड़ जुटी तो गुलदार झाडिय़ों की ओर निकल गया। जहां उसने दम तोड़ दिया। करीब चार वर्षीय मादा गुलदार का पंजा गायब था। घाव कुछ दिन पुराना था। अंदेशा है कि तारबाड़ में फंसने, जख्मी पांव में संक्रमण बढऩे व भरपेट भोजन न मिलने के कारण उसकी मौत हुई होगी। 

चौखुटिया मोटरमार्ग पर सोमवार की सुबह पंथिनगाढ़ पुल के निकट सड़क किनारे मौजूद गुलदार की दहाड़ से राहगीर दहशत में आ गए। अफरा तफरी के बीच ग्रामीण जुटे। गुलदार का बाए पांव लहूलुहान व पंजा गायब था। भीड़ बढऩे पर वह सरक कर झाड़ियों में जा छिपा। वन विभाग की टीम पहुंची। उसे ट्रैंकुलाइज करने के लिए जिला मुख्यालय से वन कर्मी बुलवाए गए। इस बीच गुलदार की दहाड़ व शारीरिक हरकत बंद हो गई। काफी देर इंतजार के बाद वन कर्मियों ने हिम्मत जुटा करीब जाकर उसे देखा। गुलदार की सांस थम चुकी थी। वन रेंज अधिकारी मदन लाल के अनुसार मादा गुलदार के बाए पैर का मांस गल जाने से पंजे की केवल हड्डी ही बची थी। आशंका है कि तारबाड़ में फंसने से पंजा खराब हो गया। वहीं लंबे समय से वह शिकार भी नहीं कर सकी। अंदेशा जताया कि जख्मी पांव में संक्रमण बढऩे व भूख के कारण उसकी मौत हो गई। चौखुटिया में चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट आने पर ही असल कारण स्पष्टï हो सकेंगे। गुलदार की लंबाई 2.30 मीटर तथा ऊंचाई 80 सेमी थी। इधर विभागीय नियमानुसार उसकी अंत्येष्टि कर दी गई। 

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